करौंथा कांड: रामपाल सहित 24 बरी, तीन को आर्म्ज एक्ट में दो-दो साल की सजा

Update: 2022-12-20 16:54 GMT
हरियाणा : करौंथा कांड में 16 साल बाद फैसला आ गया है। साक्ष्यों के अभाव में एएसजे राकेश सिंह की अदालत ने रामपाल सहित 24 आरोपियों को बरी कर दिया। जबकि तीन आरोपी कृष्णकांत, सुनील व देवेंद्र को आर्म्ज एक्ट में दो-दो साल की सजा सुनाई गई है। साल 2006 में रामपाल सहित 33 लोगों के खिलाफ हत्या व हत्या का प्रयास सहित अन्य धाराओं के तहत केस दर्ज हुआ था। इसमें पांच की मौत हो चुकी है, जबकि छह भगौड़े घोषित हैं।
मामले के अनुसार रामपाल के बंदी छोड़ भक्ति मुक्ति ट्रस्ट ने करौंथा में सतलोक आश्रम खोला था, लेकिन स्वामी दयानंद द्वारा लिखित पुस्तक सत्यार्थ प्रकाश पर कथित टिप्पणी के चलते आर्य समाजियों व आसपास के ग्रामीणों ने विरोध किया।
12 जुलाई 2006 को करौंथा के सतलोक आश्रम के बाहर भीड़ एकत्रित हो गई। तनाव के बीच गोली लगने से झज्जर जिले के गांव बाघपुर के युवक सोनू की मौत हो गई थी, जबकि 59 लोग घायल हुए। पुलिस ने रामपाल सहित अन्य को हिरासत में लेकर आश्रम को सील कर कब्जे में ले लिया था।
हालांकि, हाईकोर्ट से रामपाल को दो साल बाद जमानत मिल गई। 2013 में आश्रम को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बंदी छोड़ भक्ति मुक्ति ट्रस्ट को दे दिया गया। इसी बीच रामपाल समर्थकों ने बरवाला में भी आश्रम बना लिया। करौंथा में दोबारा हुई हिंसा के बाद रामपाल बरवाला में शिफ्ट हो गए।
नवंबर 2014 में करौंथा कांड की सीबीआई से जांच की मांग उठी। हाईकोर्ट ने रामपाल की जमानत रद्द कर दी और अदालत में पेश होने के लिए कहा। रामपाल हाईकोर्ट में पेश नहीं हुआ, इसके चलते कोर्ट ने उसे गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करने के लिए पुलिस प्रशासन को आदेश दिए। जब पुलिस उसे गिरफ्तार करने पहुंची तो बरवाला में हिंसा हो गई। रामपाल को बरवाला के एक केस में उम्रकैद की सजा हुई है, जबकि रोहतक के करौंथा कांड में मंगलवार को फैसला आया है।
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