दोनों हाथ गंवाने के बाद भी जसपाल ने हिम्मत नहीं हारी, गवाह है ये तस्वीरें
मौजूदा दौर में जहां कुछ लोग कठिन परिस्थितियों के सामने हार मान लेते है, वहीं कुछ ऐसे भी है जो कठिन परिस्थितियों का सामना करते हुए जीना नहीं छोड़ते और दूसरों के लिए प्रेरणा बन जाते है
मौजूदा दौर में जहां कुछ लोग कठिन परिस्थितियों के सामने हार मान लेते है, वहीं कुछ ऐसे भी है जो कठिन परिस्थितियों का सामना करते हुए जीना नहीं छोड़ते और दूसरों के लिए प्रेरणा बन जाते है. ऐसे लोगों के जज़्बे को हर कोई सलाम करता है. ऐसा ही एक शख्स जसपाल सिंह है जो सिरसा के गांव मलिकपुरा में रहता है.
जसपाल सिंह दोनों हाथ नहीं होने के बावजूद भी निराश नहीं हुआ. अपने हौसला और जुनून के बल पर जसपाल सिंह किसी पर निर्भर नहीं है. दोनों हाथ नहीं होने पर भी जसपाल सिंह अनेकों कार्य कर अपना खर्चा निकालते है.
गांव में सुबह 6:00 बजे से लेकर 7:00 बजे तक घरों में अखबार बांटने का काम भी जसपाल सिंह करते हैं. सिरसा से 45 किलोमीटर की दूर बसे गांव मलिकपुरा के 40 वर्षीय जसपाल सिंह ने बताया कि वर्ष 2004 में ट्रांसफार्मर से करंट लगने के कारण उसने अपने दोनों हाथ गवां दिए थे.
दोनों हाथ गंवाने के बाद भी जसपाल ने हिम्मत नहीं हारी. हालांकि जसपाल ने बताया की खाना खाने में उन्हें थोड़ी परेशानी जरूर होती है. लेकिन बाकि कामों में उन्हें कोई परेशानी नहीं है
जसपाल ने बताया कि उन्हें सरकार की तरफ से पेंशन भी मिलती है. इसके इलावा रोजमर्रा के काम के इलावा वे पेंट का काम भी करते है. जिससे वे अपना खर्च खुद ही उठाते हैं. साथ ही वे अपने आर्टिफिशल हाथ से लिख भी लेते है . परिवार की तरफ से उन्हें पूरा स्पोर्ट मिलता है.