हिसार लाठीचार्ज: घायल किसान की दिमाग की फटी नस, पुलिस का दावा- मिर्गी आने से गिर कर लगी थी चोट

राज्यसभा सांसद रामचंद्र जांगड़ा की गाड़ी पर हमले (Attack on MP Ramchandra Jangra's car) के मामले में पुलिस ने नामजद तीन लोगों पर मामला दर्ज कर लिया है. हांसी की एसपी नितिका गहलोत कै दावा है

Update: 2021-11-06 07:20 GMT

जनता से रिश्ता। राज्यसभा सांसद रामचंद्र जांगड़ा की गाड़ी पर हमले (Attack on MP Ramchandra Jangra's car) के मामले में पुलिस ने नामजद तीन लोगों पर मामला दर्ज कर लिया है. हांसी की एसपी नितिका गहलोत कै दावा है कि पुलिस की लाठी से किसी किसान को चोट नहीं आई है. वहीं इस पूरी घटना में एक किसान के गंभीर घायल (Farmer seriously injured) होने की खबर सामने आई थी. जिस पर हांसी पुलिस का दावा है कि वो किसान पुलिस की वजह से नहीं मिर्गी की बीमारी की वजह से गिरकर चोटिल हुआ है.

पुलिस के मुताबिक दोपहर में प्रदर्शन के दौरान घायल किसान को मिर्गी का दौरा आया था. जिससे वह जमीन पर गिर गया, बाहर से उसको कोई चोट नहीं आई. दिमाग की नस फटने से बेहोश हो गया, जिसके बाद पुलिस ने उसे जिंदल अस्पताल, हिसार में भर्ती करवाया है. वहीं इस मामले में किसान नेताओं की तरफ से फैसला लिया गया है कि सांसद का विरोध करने के चलते जिन किसानों पर मुकदमे दर्ज किए गए हैं, उनको खारिज नहीं करने तक नारनौंद थाने में किसानों का धरना जारी रहेगा.
बता दें कि शुक्रवार को सांसद रामचंद्र हिसार के नारनौंद में जांगड़ा धर्मशाला की नींव रखने के लिए पहुंचे थे. बताया जा रहा है कि कार्यक्रम की सूचना किसानों को भी मिल गई थी और किसान बड़ी संख्या में विरोध करने के लिए (Mp Ramchnadra Jangra Opposed by Farmers) एकजुट हो गए. दूसरी तरफ प्रशासन की तरफ से भी मौके पर भारी पुलिस बल तैनात किया था. जैसे ही सांसद को पुलिस दूसरे रास्ते से लेकर आई तो किसान विरोध करने के लिए सामने आ गए और पुलिस के साथ धक्का मुकी शुरू हो गई. इसी बीच सांसद रामचंद्र की गाड़ी का शीशा भी टूट गया.
सांसद का विरोध करने के लिए किसान काले झंडों के साथ मौके पर पहुंचे और जिस गली से राज्यसभा सांसद को निकलना था उस गली में ट्रैक्टर ट्रॉली को खड़ी कर रास्ता बंद कर दिया गया. पुलिस दूसरे रास्ते से सांसद को कार्यक्रम स्थल तक लाई. इसके बाद किसानों ने सांसद का विरोध करना शुरू किया और बैरिकेडिंग से आगे बढ़ने लगे.
इसके बाद पुलिस और किसानों के बीच टकराव हो गया. इसके बाद पुलिस ने किसानों पर हल्का बल प्रयोग करना शुरू कर दिया. पुलिस और किसानों में धक्का-मुक्की के बाद किसानों की तरफ से कहा जा रहा है कि किसानों को पुलिस ने पीटा भी हैं और कुछ लोगों को हिरासत में भी लिया है.
बता दें कि, बीजेपी राज्यसभा सांसद रामचंद्र जांगड़ा किसानों और किसान आंदोलन के खिलाफ कई बार बयान दे चुके हैं. उन्होंने सबसे पहले कहा था कि ये आंदोलन किसानों का नहीं है बल्कि कांग्रेस के इशारे पर ये आंदोलन किया जा रहा है. राज्यसभा सांसद रामचंद्र जांगड़ा ने किसानों के लिए शराबी, निठल्ले जैसे शब्दों का प्रयोग किया था.
वहीं हाल ही में रामचन्द्र जांगड़ा ने केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी के उस बयान समर्थन किया था, जिसमें लेखी ने किसानों को नशेड़ी-मवाली कहा था. जांगड़ा ने कहा था कि जो धरने पर बैठे हैं, वे नशेड़ी और मव्वाली ही हैं. उन्होंने ये भी कहा था कि किसान आंदोलन की आड़ में धरनास्थलों पर वेश्यावृत्ति और नशाखोरी चल रही है. धरनास्थलों पर कई तरह के अनैतिक काम हो रहे हैं. सांसद के इन्हें बयानों को लेकर किसान लगातार उनका विरोध कर रहे हैं.

गौरतलब है कि बीते साल 26 नवंबर से तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसान आंदोलन चल रहा है. सिंघु बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों ने अपने मोर्चे लगाए हुए हैं. किसानों का साफ कहना है कि कानूनों के रद्द होने तक वो वापस नहीं लौटेंगे. वहीं सरकार अभी भी अपने फैसले पर बनी हुई है. वहीं दिल्ली बॉर्डर के अलावा हरियाणा में किसान लगातार विरोध कर रहे हैं खासकर कि जेजेपी-बीजेपी नेताओं का. जहां भी कोई बीजेपी नेता, विधायक, मंत्री, किसी कार्यक्रम के लिए जाता है तो वहीं किसान पहुंच जाते हैं और विरोध करते हैं. इस कारण कई बार कार्यक्रम भी रद्द करना पड़ता है.


Tags:    

Similar News

-->