हाईकोर्ट ने CL फार्म हाउस मामले में नगर परिषद की EO को किया तलब, जानिए पूरा मामला

Update: 2022-08-18 13:10 GMT

हरयाणा ब्रेकिंग न्यूज़: नारनौल शहर के बहुचर्चित सीएल फार्म हाउस के सीलिंग मामले में पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने नारनौल नगर परिषद की ईओ सुमनलता को तलब करते उनसे पूछा है क्यों ना उनके खिलाफ हाईकोर्ट की अवमानना की कार्रवाई कर दी जाए। इस मामले में हाईकोर्ट ने आगामी 15 सितंबर 2022 तक ईओ को अपना जवाब देने के लिए भी कहा है। 17 फरवरी 2022 को हाईकोर्ट ने नारनौल नगर परिषद को निर्देश दिए थे कि दो महीने के अंदर अंदर सीएल फार्म हाउस के सीलिंग मामले में फाइनल ऑर्डर पारित करें, लेकिन नगर परिषद ने अब तक इस मामले में कोई फाइनल डिसीजन नहीं लिया। जिसके चलते हाईकोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए इसी माह 9 अगस्त को आदेश पारित कर नारनौल नगर परिषद की ईओ को तलब करते हुए नोटिस जारी किया है।

इस मामले में सीएल फार्म के अधिवक्ता प्रवीण गुप्ता ने बताया कि उनके क्लाइंट ने 30 जून 2014 को नारनौल नगर परिषद में सीएल फार्म का एक नक्शा प्रस्तुत किया था। जिस पर नगर परिषद ने पालिका एक्ट के नियमों के अनुसार 60 दिन यानि 2 माह के अंदर अंदर नक्शे पर किसी प्रकार का निर्णय नहीं लिया। प्रवीण गुप्ता ने बताया पालिका एक्ट के प्रावधानों के तहत यदि कोई नगर पालिका या नगर परिषद किसी व्यक्ति के भवन निर्माण संबंधित नक्शे की फाइल पर दो महीने तक कोई डिसीजन नहीं लेती है तो उस व्यक्ति को अपना भवन निर्माण करने का अधिकार होता है। जिसके चलते ही उन्होंने सीएल फार्म हाउस में अपने भवन का निर्माण किया था। उन्होंने बताया कि 2014 में ही उन्होंने अपना भवन बना लिया था लेकिन भवन निर्माण के 6 साल बाद जनवरी 2020 में नारनौल नगर परिषद के तत्कालीन ईओ अभय सिंह ने सीएल फार्म हाउस के खिलाफ सीलिंग का एक आर्डर पारित कर दिया, परन्तु फार्म हाउस सील नहीं किया गया। उन्होंने बताया कि इस सीलिंग आर्डर के खिलाफ उन्होंने तत्कालीन जिला उपायुक्त के यहां अपील की। जिस पर सुनवाई करते हुए उपायुक्त ने सीलिंग ऑर्डर पर स्टे कर दिया और बाद में मामले की सुनवाई करते हुए यह केस जिला नगर आयुक्त को फॉरवर्ड कर दिया।

फार्म हाउस के अधिवक्ता के अनुसार जिला नगर आयुक्त ने 2022 में उनकी अपील को खारिज करके सीलिंग का अंतरिम आर्डर पास कर दिया। अधिवक्ता प्रवीण गुप्ता के अनुसार भवन निर्माण के बाद यदि नगर परिषद को किन्ही तकनीकी खामियों के चलते भवन गैर कानूनी लगता है तो पालिका एक्ट के तहत भवन की कंपाउंडिंग फीस जमा करवाने का प्रावधान है। उन्होंने यह भी बताया कि पालिका एक्ट की धारा 208 के तहत किसी भी अवैध भवन पर फाइनल डिसीजन भी देकर कंपाउंड फीस भरवाने का ही प्रावधान होता है लेकिन नगर परिषद ने जानबूझकर ऐसा नहीं किया। जिसके चलते उन्होंने जिला नगर आयुक्त के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में एक रिट पिटिशन दायर कर दी। गुप्ता के अनुसार हाईकोर्ट ने 17 फरवरी 2022 को दोनों पक्षों की सुनवाई करते हुए कहा था कि सीलिंग फाइनल ऑर्डर ना होकर अंतरिम आर्डर है। इसलिए नारनौल नगर परिषद आगामी दो महीने के अंदर अंदर दोनों पक्षों को सुनकर इस मामले में फाइनल डिसीजन लेकर कार्रवाई करें।

सीएल फार्म हाउस के अधिवक्ता प्रवीण गुप्ता के अनुसार हाईकोर्ट द्वारा फरवरी में दिये आदेश की डायरेक्शन के अनुसार नगर परिषद ने दोनों पक्षों को सुनकर फाइनल ऑर्डर देने की बजाय 18 अप्रैल 2022 को फिर से सीलिंग ऑर्डर पास करके 22 अप्रैल 2022 को सीएल फार्म पर सील लगा दी । उन्होंने बताया सील लगाने के बाद उन्होंने 5 मई 2022 को जिला नगर आयुक्त को एक प्रार्थना पत्र देखकर अपनी दलील रखी थी उनके फार्म हाउस में आगामी कुछ दिनों के अंदर विभिन्न शादी व अन्य समारोह हैं, जो काफी समय पहले बुक किए हुए हैं। समारोह के नजदीकी समय के दौरान सीएल फार्म सील लगने के कारण उन लोगों को दिक्कत उठानी पड़ सकती है जिन्होंने सीएल फार्म अपने कार्यक्रमों के लिये पहले से बुक किए हुए हैं। गुप्ता के अनुसार इस आवेदन पत्र पर विचार करके नगर आयुक्त ने 9 मई को सीएल फार्म की सील खोलने के आदेश पारित कर दिए और 10 मई को सील खोल दी गई। अब इधर हाईकोर्ट ने 9 अगस्त को सुनवाई करते हुए इस मामले में फाइनल ऑर्डर नहीं देने पर नारनौल नगर परिषद की ईओ तलब किया है।

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