हरियाणा के सीनियर आईएएस अफसर अशोक खेमका का ट्रांसफर, 30 साल के लंबे करियर में 54वां ट्रांसफर
हरियाणा सरकार ने अमित झा को विज्ञान और प्रोद्योगिकी विभाग से हटा दिया है. जिसके बाद यह जिम्मेदारी अशोक खेमका (IAS Officer Ashok Khemka) को सौंपी गई है.
हरियाणा के सीनियर आईएएस अफसर अशोक खेमका एक बार फिर से ट्रांसफर (IAS Officer Ashok Khemka Transfer) हो गया है. 30 साल के लंबे करियर में यह उनका 54वां ट्रांसफर है. करीब 2 साल बाद एर बार फिर उन्हें मंत्री अनिल विज के साथ लगाया गया है. उनका 53वां ट्रांसफर मार्च 2019 में हुआ था. दो साल बाद फिर उनका तबादला चर्चा का विषय बना हुआ है. अशोक खेमला 1991 बैच के हरियाणा के चर्चित आईएएस (Haryana Transfer) अधिकारी हैं. वह ट्रांसफर्स के लिए बहुत ही फेमस हैं. आज सरकार की तरफ से उनके ट्रांसफर का ऑर्डर जारी किया गया है.
अशोक खेमका को हरियाणा विज्ञान और प्रोद्योगिकी विभाग के प्रमुख सचिव बनाया गया है. वह मत्स्य विभाग की देखरेख करेंगे. हरियाणा सरकार (Haryana Government) ने अमित झा को विज्ञान और प्रोद्योगिकी विभाग से हटा दिया है. जिसके बाद यह जिम्मेदारी अशोक खेमका को सौंपी गई है. वह 2019 में भी विज्ञान और तकनीकी विभाग की जिम्मेदारी संभाल रहे थे. बता दें कि साल 2019 में जब खेमका का 53वां ट्रांसफर हुआ था तो उन्होंने सीएम खट्टर (CM Khattar) को एक चिट्ठी लिखी थी.
53वें ट्रांसफर पर सीएम को लिखी थी चिट्ठी
अशोक खेमका ने सीएम से पीएम मोदी से मिलने की परमिशन मांगी थी. उन्होंने कहा था कि दब्बू अफसर फल-फूल रहे हैं. जब कि ईमानदार अधिकारियों को मामूली भमिकाएं ही दी जाती हैं. अपनी चिट्ठी में अशोक खेमका ने कहा था कि भ्रष्ट अफसरों को रिटायरमेंट के बाद भी खूब अवॉर्ड दिए जाते हैं. जबकि ईमानदार अफसरों को निचली रैंक वाले अधिकारियों को देने वाले छोटे-मोटे काम सौंपे जाते हैं. उन्होंने कहा था कि जब तक भ्रष्ट अधिकारी सरकार को नुकसान न पहुंचाएं तब तक उन पर सवाल नहीं उठाए जाते हैं.
सीएम खट्टर से मांगी थी PM से मिलने की परमिशन
सीनियर अफसर ने कहा था कि शासन अब सेवा नहीं बल्कि रोजगार बन गया है. उन्होंने नाराजगी जताते हुए कहा था कि सिर्फ मुझ जैसे बेवकूफ ही जनता के विश्वास के बारे में सोचकर भरोसेमंद के रूर में काम करेंगे. उन्होंने यहां तक कहा था कि उम्मीद के उलट वह उम्मीद करते हैं कि सीएम इस चिट्ठी को कचरे में नहीं फेंकेंगे. उन्होंने सीएम खट्टर को 2014 चुनाव के दौरान उठाए गए मुद्दों की भी याद दिलाई थी. उन्होंने कहा था कि बीजेपी ने चुनाव के दौरान कांग्रेस सरकार के दौरान हुए जमीन के सौदों में कथित अनियमितताओं को बड़ा मुद्दा बनाया था. लेकिन अब सरकार उसे भूल चुकी है.