हरियाणा के नए डीजीपी की घोषणा सोमवार को हो सकती है। 15 अगस्त को डीजीपी पीके अग्रवाल सेवानिवृत्त होंगे, इससे पहले हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल नए डीजीपी के नाम पर मुहर लगाएंगे। इसके बाद गृह सचिव टीवीएसएन प्रसाद की ओर से नए डीजीपी के नाम को लेकर आधिकारिक आदेश जारी किए जाएंगे। सूत्रों का दावा है कि तमाम लाबिंग और सिफारिशों के बीच आईपीएस शत्रुजीत कपूर अपने दोनों वरिष्ठ अधिकारियों पर भारी पड़ रहे हैं।
डीजीपी के चयन को लेकर केंद्रीय लोक सेवा आयोग की बैठक 10 अगस्त को दिल्ली में हुई थी। इसमें हरियाणा की ओर से मुख्य सचिव संजीव कौशल और वर्तमान डीजीपी पीके अग्रवाल शामिल हुए थे। उसी रात को यूपीएससी द्वारा 9 आईपीएस अधिकारियों में से तीन वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों का चयन तक तीन का पैनल तैयार किया था।
शुक्रवार को गृह विभाग के सचिव मनीराम शर्मा खुद यूपीएससी से बाईहैंड पैनल लेकर चंडीगढ़ पहुंचे। प्रक्रिया के तहत सूबे के गृह विभाग से नए डीजीपी का पैनल भेजा जाएगा। गृह मंत्री अनिल विज तीनों आईपीएस अधिकारियों में से किसी एक को नया पुलिस महानिदेशक लगाने की सिफारिश करेंगे।
हालांकि, डीजीपी के चयन में अंतिम फैसला मुख्यमंत्री मनोहर लाल ही करेंगे। हरियाणा के डीजीपी पैनल में पीके अग्रवाल के बाद सबसे वरिष्ठ पहले नंबर पर आईपीएस ऑफिसर मोहम्मद अकील, दूसरे डाॅ. आरसी मिश्रा और इनके बाद आईपीएस शत्रुजीत कपूर तीसरे नंबर हैं।
इसलिए वरिष्ठ अधिकारियों पर भारी पड़ रहे कपूर
डीजीपी के चयन को लेकर हरियाणा के पुरानी परंपरा को देखें तो अक्सर पैनल में सबसे वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों की ही डीजीपी बनने का मौका मिलता रहा है। लेकिन इस बार यह परपंरा टूटती नजर आ रही है। तीनों आईपीएस अधिकारियों में वरिष्ठता में शत्रुजीत कपूर तीसरे नंबर हैं, लेकिन डीजीपी के लिए उनका नाम सबसे आगे है। इसके कई कारण हैं। एक तो मुख्यमंत्री मनोहर लाल की पसंद हैं और दूसरा भ्रष्टाचार के खिलाफ वो हरियाणा में बड़ा चेहरा हैं। इसके अलावा, सख्त अधिकारी की छवि के चलते वह अपनी काबिलियत बिजली निगमों के चेयरमैन रहते हुए दिखा चुके हैं। वहीं, गृह मंत्री अनिल विज के साथ भी कपूर ने बेहतर तालमेल बनाया हुआ है।