हरियाणा: तीन सदस्यीय जांच समिति गठित, दुष्यंत चौटाला बोले-बातचीत के लिए सरकार के दरवाजे खुले, खेदड़ में महापंचायत

पढ़े पूरी खबर

Update: 2022-07-09 14:17 GMT
हिसार में गांव खेदड़ की गोशाला को दी जाने वाली राख का उठान बंद करने के विवाद में शुक्रवार को पुलिस और किसानों की बीच झड़प में किसान की मौत हो गई थी। इस मामले में तीन सदस्यीय जांच कमेटी का गठन कर दिया गया है। वहीं गांव में आयोजित महापंचायत में भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राकेश टिकैत, भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी और किसान नेता सुरेश कौथ सहित अन्य पहुंचे। महापंचायत में किसान धर्मपाल को श्रद्धांजलि दी गई।
धर्मपाल के शव का अग्रोहा मेडिकल कॉलेज में पोस्टमार्टम हो रहा है। पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी भी की जा रही है। पोस्टमार्टम के बाद शव को महापंचायत में धरना स्थल पर लाया जाएगा। यहां सामूहिक श्रद्धांजलि अर्पित की जाएगी। इसके बाद लोकल कमेटी फैसला लेगी कि आंदोलन को किस तरह से आगे बढ़ाना है। फिलहाल पुलिस धरना स्थल से करीब 500 मीटर दूर है। करीब 500 से 600 किसान व ग्रामीण धरना स्थल पर हैं।
दुष्यंत बोले-सरकार के दरवाजे खुले
डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने बताया कि खेदड़ मामले में तीन सदस्यीय जांच कमेटी का गठन कर दिया गया है। कमेटी में आईपीएस मोहम्मद अकील, हिसार की डीसी प्रियंका सोनी और जींद के एसपी शामिल होंगे। दुष्यंत चौटाला शनिवार को हांसी के पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में हिसार जिले में बनने वाली विभिन्न सड़कों का शिलान्यास एवं उद्घाटन करने पहुंचे थे। दुष्यंत ने कहा कि
खेदड़ मामले में बातचीत के लिए के लिए सरकार के दरवाजे खुले हैं। उन्होंने साफ किया कि पावर डिपार्टमेंट कह चुका है कि गोशाला का अनुदान बंद नहीं होगा।
शुक्रवार को राख का उठान बंद करने के विवाद में राजीव गांधी थर्मल पावर प्लांट की रेलवे ट्रैक जाम करने जा रहे किसानों-ग्रामीणों की पुलिस के साथ झड़प हो गई थी। इस टकराव में गांव खेदड़ निवासी 56 वर्षीय किसान धर्मपाल की मौत हो गई थी। वहीं तीन पुलिसकर्मियों सहित 12 लोग घायल हो गए थे।
यह है राख का विवाद
खेदड़ थर्मल प्लांट से निकलने वाली राख को अब तक गांव के लोग ही उपयोग करते रहे हैं। राख को आसपास के ईंट भट्ठों को बेचकर मिलने वाले पैसे का उपयोग गोशाला को चलाने के लिए किया जाता है। अब केंद्र सरकार ने सभी थर्मल प्लांट की राख का ऑनलाइन टेंडर निकालकर इसे बेचने के आदेश दिए हैं। इसके विरोध में किसान और ग्रामीण 86 दिन से धरना दे रहे हैं। 30 जून को चेतावनी दी थी कि मांगें न मानी गईं तो आठ जुलाई को रेलवे ट्रैक जाम किया जाएगा। जिस ट्रैक से थर्मल प्लांट को कोयला आता है उस पर पड़ाव डाला जाएगा।
Tags:    

Similar News

-->