हरियाणा: राज्य के सभी जिलों में बनेंगी फूड टेस्टिंग लैब

Update: 2022-03-21 14:25 GMT

हरियाणा न्यूज़: हरियाणा सरकार ने विधानसभा में माना है कि खाद्य पदार्थों की जांच और कार्रवाई के लिए खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग के पास पर्याप्त मात्रा में स्टाफ नहीं हैं। यह स्वीकारोक्ति जननायक जनता पार्टी के नारनौंद से विधायक रामकुमार गौतम की टिप्पणी पर की गई है। इस दौरान सरकार ने कहा कि प्रदेश के सभी जिलों में फूड टेस्टिंग लैब बनेंगी। गौतम ने उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला की घेरते हुए कहा कि राशन डिपो पर बीपीएल कार्डधारकों को मिलने वाला राशन भी खाने लायक नहीं होता। मजबूरी में लोगों को यह राशन परचून की दुकान पर सस्ते में बेचना पड़ता है। उन्होंने किसी का नाम लिए बिना सदन में कहा कि पैसा ही सब कुछ नहीं होता। खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के मंत्री दुष्यंत चौटाला हैं, जबकि खाद्य एवं औषध विभाग अनिल विज के पास है। रामकुमार गौतम के इस तरह के आरोपों पर सदन में चुप्पी छा गई।

शहरी निकाय मंत्री डा. कमल गुप्ता जब जवाब देने के लिए उठे तो गौतम ने कहा कि मंत्रियों की इतनी पावर नहीं है कि वह कुछ वादा सदन में कर सकें। उन्हें किसी विभाग में भर्ती करने की कोई पावर नहीं होती। मुझे तो सदन में बैठे मुख्यमंत्री से जवाब चाहिए। इस पर कमल गुप्ता ने कहा कि मंत्री यहां जो भी जवाब देते हैं, वह सरकार यानी सीएम का जवाब ही होता है। इस पर शहरी निकाय मंत्री ने सदन पटल पर भरे गए सैंपल और कार्रवाई के आंकड़े रखे। गुप्ता ने कहा कि स्टाफ की कमी को दूर करने का गंभीरता से प्रयास होगा। हर जिले में टेस्टिंग लैब खोली जाएंगी, जिसमें 20 रुपये प्रति सैंपल जांच के लगेंगे। विभाग एक ऐप तैयार कर रहा है जिसमें खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग की समस्त कार्रवाई का रिकार्ड रहेगा। जब तक स्टाफ का बंदोबस्त नहीं हो जाता, तब तक हर जिले में नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाएगा। कमल गुप्ता ने कहा कि अप्रैल 2016 से दिसंबर 2021 तक कुल 16023 खाद्य नमूने एकत्र किए गए। 12,159 खाद्य नमूने मानकों के अनुरूप पाए गए हैं जबकि कुल 3864 खाद्य नमूने मिलावटी मिले। इनमें से 2653 मामले दर्ज किए गए हैं। वर्तमान में पांच मोबाइल खाद्य व औषधि प्रयोगशाला संचालित हैं।

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