हरियाणा: प्रदेश में डीसी, डॉक्टर और सरकारी गैंग सक्रिय, इनके नाम अजीब मगर अपराध गंभीर

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Update: 2022-07-13 17:40 GMT
हरियाणा में डीसी, गोधू, डॉक्टर, सरकारी, चीकू, आलू, झोटा, बिच्छू और बाबा नाम से बदमाश अपने गैंग चला रहे हैं। ये नाम भले ही सुनने में अजीब लगते हैं लेकिन ये गंभीर वारदात को अंजाम देते हैं। हरियाणा के इन गैंग का पड़ोसी राज्य राजस्थान, उत्तर प्रदेश और पंजाब तक नेटवर्क है। गैंग के मुखिया और गुर्गों पर गंभीर धाराओं के मामले दर्ज हैं। यह खुलासा हरियाणा सरकार की ओर से तैयार कराई गई प्रदेश में सक्रिय गैंग और गुर्गों की सूची के बाद हुआ है।
रिपोर्ट के अनुसार, रोहतक के गांव धामड़ का राजेश उर्फ सरकारी का अपना गैंग है। उस पर हत्या, वसूली, डकैती समेत विभिन्न अपराधों में 18 केस दर्ज हैं। अकिंत उर्फ गबदू और संदीप उर्फ डीसी दोनों रोहतक के निंदाना गांव के रहने वाले हैं और अपने-अपने गैंग चला रहे हैं। रंजिश के चलते दोनों गैंग मौका मिलते ही एक-दूसरे खिलाफ वारदात को अंजाम देते हैं।
हत्या समेत इन पर 16 मामले दर्ज हैं। दोनों गैंग के सरगना जींद जेल में बंद हैं। वहीं, रेवाड़ी में सक्रिय राजकुमार उर्फ झोटा पर फिरौती, अपहरण समेत अन्य धाराओं में 37 मामले चल रहे हैं। खायरा महेंद्रगढ़ निवासी कुलदीप उर्फ डॉक्टर पर अलग-अलग थानों में 28 गंभीर मामले दर्ज हैं। इसके अलावा, देवेंद्र उर्फ बिच्छू, खेड़ी सांपला, सुनील कुमार, रेवाड़ी आलू गैंग और सुरेंद्र उर्फ चीकू नाम से गैंग चल रहे हैं। हरियाणा पुलिस के एक आला अधिकारी ने बताया कि गैंगस्टरों पर कार्रवाई के लिए एसटीएफ का गठन किया है, वह लगातार बदमाशों को काबू कर रही है।
लंबू, काणा और भोला के भी गैंग
हरियाणा में लंबू, काणा और भोला नाम के भी गैंग हैं। ऋषिपाल उर्फ काना, चुलकाना, प्रसन्न उर्फ लंबू, सिवाह, शहीद उर्फ भोला, उर्फ अडवाणी गांव खरखड़ी, तावड़ू के नाम से गैंग हैं। मनोज उर्फ बाबा पानीपत, नरेश उर्फ सेठी सिलानी गेट झज्जर, राकेश उर्फ राका, मेनपाल उर्फ ढीला 8 केस हैं, शनिदेव उर्फ कुक्की, रिठाल और विकास उर्फ मटरी का भी गैंग है।
गंजा गैंग टेंपों से वसूलता है मंथली
अनिल उर्फ गंजा नूना माजरा बहादुरगढ़, झज्जर जेल में बंद 15 केस है। इस गैंग के गुर्गे अवैध कब्जे, झगड़े की जमीन पर जबरदस्ती कब्जा करना, बहादुरगढ़ शहर में व शहर से नांगलोई जाने वाले सवारी वाले टेंपो से मंथली वसूलते हैं। अधिकतर गैंगस्टर के अपने अपने इलाके तय हैं, जबकि कुछ ऐसे हैं, जो दूसरे प्रदेशों में भी वारदातों को अंजाम देते हैं।
अहमद उर्फ कोद पर सबसे अधिक 62 मामले
नूंह जिले के गांव रिठ्ठ निवासी अहमद उर्फ कोद पर राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश समेत अन्य स्थानों पर वारदात करने के आरोप में सबसे अधिक 62 केस दर्ज। फिलहाल वह भौंडसी जेल में बंद है। इसके बाद, नूंह के ही शहीद उर्फ भोला पर 50, कमाल निवासी नूंह पर 33 मामले दर्ज हैं। ये दोनों बदमाश भी मथुरा और आगरा जेल में बंद हैं। इसी प्रकार, कैथल के गांव किठाना के सतबीर उर्फ जब्बल पर 33, जोगेंद्र ग्योंग पर 23, विजय खेड़ी 17, बलजीत पौंकरी खेड़ी 19, विकास उर्फ बिल्लू पर 21, अंबाला के शमशेर उर्फ मोनू राणा 20, राजकुमार उर्फ राजू बसौदी राई पर 20 और विरेंद्र प्रताप पर विभिन्न धाराओं के 19 मामले हैं।
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