हरियाणा कैबिनेट ने मीडियाकर्मियों की पेंशन में बढ़ोतरी के प्रस्ताव को दी मंजूरी

Update: 2023-10-11 17:10 GMT
चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में मीडिया कर्मियों के हित में एक और अहम निर्णय लिया गया। इस संबंध में हरियाणा के 60 वर्ष से अधिक आयु के मान्यता प्राप्त मीडियाकर्मियों के लिए पेंशन योजना में संशोधन से संबंधित एक प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। इसके अलावा भी बैठक में कई महत्वपूर्ण मुद्दों को मंज़ूरी मिली।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में बुधवार को चंडीगढ़ में मंत्रिमंडल की बैठक में मीडिया कर्मियों के हित में एक और अहम निर्णय लिया गया। इस संबंध में जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि हरियाणा के 60 वर्ष से अधिक आयु के मान्यता प्राप्त मीडियाकर्मियों के लिए पेंशन योजना में संशोधन से संबंधित एक प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। इस निर्णय के बाद राज्य सरकार द्वारा पहले से चलायी जा रही पत्रकार पेंशन योजना के तहत मान्यता प्राप्त मीडिया कर्मियों की पेंशन 10,000 रुपये से बढ़ाकर 15,000 रुपये प्रतिमाह दी जाएगी। हरियाणा राज्य में वेतन/पारिश्रमिक के आधार पर पत्रकारिता के क्षेत्र में कम से कम 20 वर्षों का अनुभव रखने वाले 60 वर्ष से अधिक आयु के मीडियाकर्मी इस योजना के तहत मासिक पेंशन के हकदार हैं। मीडियाकर्मी को कम से कम पांच वर्षों के लिए सूचना, जनसंपर्क भाषा एवं सांस्कृतिक विभाग, हरियाणा से मान्यता प्राप्त होना चाहिए। किसी अन्य राज्य सरकार या समाचार संगठन से किसी भी प्रकार की पेंशन या मानदेय प्राप्त करने वाला मीडियाकर्मी भी पात्र होगा। हालाँकि, यदि कोई पात्र मीडियाकर्मी हरियाणा राज्य/केंद्र सरकार या किसी अन्य राज्य सरकार/सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम से 15,000/- रुपये प्रति माह से कम राशि की पेंशन प्राप्त कर रहा है, तो इस योजना के तहत पेंशन की पात्रता उक्त संस्थानों से मिलने वाली पेंशन से कम हो जाएगी। योजना के तहत पेंशन प्राप्तकर्ता वृद्धावस्था सम्मान भत्ता प्राप्त करने के लिए अयोग्य होगा। पेंशन चाहने वाला आवेदक अगर हरियाणा का निवासी है तो उसको आधार कार्ड और परिवार पहचान पत्र की फोटो प्रतियां जमा करनी होंगी और अगर पात्र आवेदक हरियाणा का निवासी नहीं है तो उसको परिवार पहचान पत्र (अस्थायी) के साथ आधार कार्ड की प्रति जमा करनी होगी। योजना के तहत लाभ प्राप्त करने वाले मीडिया कर्मियों के लिए परिवार पहचान पत्र अनिवार्य होगा। लाभार्थी मीडियाकर्मी के निधन के मामले में, मासिक पेंशन राशि का आधा हिस्सा उसके जीवनसाथी को दिया जाता रहेगा, अगर उसे किसी अन्य संगठन या केंद्र/राज्य सरकार/सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों से कोई वेतन/अनुबंध शुल्क/पेंशन/पारिश्रमिक नहीं मिल रहा है। परिवार का केवल एक सदस्य मासिक पेंशन के अनुदान के लिए पात्र होगा।
मुख्यमंत्री ने बताया कि मंत्रिमंडल की बैठक में पंजीकरण अधिनियम, 1908 की धारा 17 और 18 के तहत संपत्तियों के हस्तांतरण के दस्तावेजों के पंजीकरण के उद्देश्य से प्रत्येक उप-मंडल को एक उप-जिला के रूप में बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है। प्रस्ताव में कहा गया है कि जनता को व्यापक विकल्प प्रदान करने के लिए प्रत्येक उप-मंडल अधिकारी (नागरिक) के कार्यालय को उप-रजिस्ट्रार के कार्यालय के रूप में तथा प्रत्येक जिला राजस्व अधिकारी के कार्यालय को भी प्रत्येक संबंधित उप-जिला के संयुक्त उप-रजिस्ट्रार के कार्यालय के रूप में स्थापित करना उचित समझा गया है। इसके अलावा प्रत्येक उपमंडल अधिकारी (नागरिक) को संबंधित उप-जिले के उप-पंजीयक, प्रत्येक जिला राजस्व अधिकारी, उसके तैनाती स्थान के उप-जिले के संयुक्त उप-पंजीयक के रूप में नामित करने का निर्णय लिया गया है। पंजीकरण अधिनियम, 1908 (1908 का केन्द्रीय अधिनियम 16) की धारा 17 और 18 के तहत संपत्तियों के हस्तांतरण के दस्तावेजों के पंजीकरण के प्रयोजनों के लिए प्रत्येक तहसीलदार और नायब-तहसीलदार संबंधित उप-जिले का संयुक्त उप-रजिस्ट्रार होगा, जैसे कि समय-समय पर संशोधन किए गए हैं। इसके परिणाम स्वरूप 30 जून 2023 को राज्य के सभी मंडलायुक्तों, उपायुक्तों-सह-जिला रजिस्ट्रारों, उपमंडल अधिकारियों (नागरिक), जिला राजस्व अधिकारियों, तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों आदि को आदेश जारी किए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने बताया कि हरियाणा मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा सिविल सेवा (नियुक्ति की अनुकंपा वित्तीय सहायता), नियम, 2019 के तहत मृत पुलिस कर्मियों के 50 आश्रितों को क्लर्क के पद पर नियुक्ति प्रदान करने के संबंध में एक्स-पोस्ट-फैक्टो मंजूरी प्रदान की। पुलिस विभाग में केवल 13 पद अनुग्रह कोटा (प्रत्यक्ष कोटा के 250 स्वीकृत पदों में से 5 प्रतिशत) के अंतर्गत आते हैं और सभी 13 पद हरियाणा सिविल सेवा (अनुकंपा वित्तीय सहायता या नियुक्ति) नियम, 2019 के तहत निर्धारित प्रावधानों के अनुसार भरे हुए हैं। अनुकंपा के आधार पर क्लर्क के पद पर नियुक्ति के लिए कोई रिक्ति नहीं है। अनुग्रह कोटा पदों की अनुपलब्धता के कारण मृत व्यक्तियों को वित्तीय पक्ष के अंतर्गत गंभीर कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। लिपिकों के अनुग्रह कोटे के पद उपलब्ध न होने के कारण मृत कर्मचारियों के आश्रितों को नियुक्तियाँ नहीं दी गईं। अत: क्लर्क के 50 रिक्त पदों (जो सीधे कोटे के अंतर्गत आते हैं) के नियमों में एक बार छूट की मंजूरी दी गई है, ताकि पुलिस विभाग में क्लर्क के सीधे कोटे के पदों पर 50 आश्रितों को नियुक्ति दी जा सके। उन्होंने बताया कि मध्यम और कम क्षमता वाले शहरों का तेजी से विकसित करने के लिए दीन दयाल जन आवास योजना (डीडीजेएवाई) में किफायती प्लॉटेड हाउसिंग नीति 2016 के खंड 2 (1) में संशोधन को मंजूरी दी गई। मध्यम और निम्न क्षमता वाले शहरों में डीडीजेएवाई नीति उत्साहजनक है। मध्यम और निम्न क्षमता वाले शहर ग्रुप हाउसिंग कॉलोनियों की बजाय अधिकांश प्लॉट वाली कॉलोनियों को आकर्षित करते हैं। हालांकि, यह संज्ञान में आया है कि इन शहरों का सीमित विकास हुआ है। इसलिए यह संशोधन किया गया हैं। संशोधन अनुसार मध्यम और निम्न क्षमता वाले शहरों के लिए यदि किसी शहर का डीडीजेएवाई लाइसेंस प्राप्त कुल क्षेत्र के आवासिय क्षेत्र (मौजूदा शहर क्षेत्र को छोडक़र) से 10 प्रतिशत से कम है तो फाईनल डिवलेपमेंट प्लान के संबंधित शहर प्रत्येक सेक्टर में डीडीजेएवाई लाइसेंस की अनुमति के लिए नेट नियोजित क्षेत्र की 60 प्रतिशत की सीमा होगी जब तक प्रत्येक सेक्टर में यह 5 प्रतिशत तक नहीं पहुंच जाती तब तक उस पर 50 प्रतिशत की एनपीए सीमा नहीं होगी, जब तक यह 10 प्रतिशत तक नहीं पहुंच जाती। संबंधित शहरों के फाईनल डिवलेप प्लान के आवासीय क्षेत्र के 10 प्रतिशत क्षेत्र की उपर्युक्त सीमा का जब भी उल्लंघन होता है ओर किसी सेक्टर के आवासीय क्षेत्र में 40 प्रतिशत की सीमा में नेट नियोजित क्षेत्र पहुंच जाता है तो उस पर डीडीजेएवाई लाइसेंस नीति तुरंत प्रभाव लागू हो जाएगी।
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