निपुण योजना में हरियाणा ने दिल्ली, पंजाब और चंडीगढ़ को पछाड़ा

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Update: 2022-10-10 17:11 GMT
चंडीगढ़। निपुण भारत, निपुण हरियाणा कार्यक्रम के तहत राष्ट्रीय परीक्षा 2022 में हरियाणा के विद्यार्थियों ने हिंदी,अंग्रेजी और गणित में दिल्ली, पंजाब, चंडीगढ़ तथा राष्ट्रीय औसत से उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। मुख्यमंत्री मनोहर लाल और शिक्षा मंत्री कंवरपाल के नेतृत्व में चल रहे निपुण हरियाणा कार्यक्रम का असर अब धरातल पर दिखने लगा है। प्रदेश के शिक्षा मंत्री कंवरपाल ने कहा कि निपुण हरियाणा प्रदेश सरकार व शिक्षा विभाग की पहली प्राथमिकता है और प्रदेश के सभी 37 हजार पीआरटी शिक्षकों को निशुल्क टैबलेट और 2 जीबी डाटा फ्री देना सरकार की इसी योजना का हिस्सा है। एन सी ई आर टी द्वारा आयोजित राष्ट्रीय परीक्षा 2022 की रिपोर्ट के ये आंकड़े वाकई में गर्व करने लायक हैं। निपुण हरियाणा कार्यक्रम के तहत चल रहे ट्रेनिंग प्रोग्राम्स का ही असर है कि अब स्कूलों में कक्षा 1 से 3 तक के छात्र खेल खेल में ना केवल साक्षर हो रहे हैं बल्कि बुनियादी संख्या और अंक ज्ञान भी बिना किसी तनाव के प्राप्त कर रहे हैं।
फाउंडेशनल लर्निंग स्टडी की रिपोर्ट के बारे में जानकारी देते हुए सहायक निदेशक कुलदीप मेहता ने बताया कि राष्ट्रीय स्तर पर कक्षा 3 के अनुसार केवल 46 फीसदी विद्यार्थी ही इस स्तर को प्राप्त कर सके और न्यूनतम ग्लोबल दक्षता को पार कर पाए हैं जबकि हरियाणा में यह दक्षता 65 विद्यालयों ने प्राप्त की जो राष्ट्रीय स्तर से 20 अंक अधिक है। कक्षा 3 की हिंदी भाषा की निपुणता में हरियाणा के जहां 65 फीसदी छात्र निपुण हैं वहीं दिल्ली के छात्रों की औसत केवल 50 फीसदी है जबकि चंडीगढ़ के 55 फीसदी छात्र ही हिंदी भाषा मे निपुण हैं। इसमें विद्यार्थियों की मौखिक भाषा व ध्वनि की समझ, वर्ण और शब्द की डिकोडिंग दक्षता की समझ का परीक्षण किया गया। उन्होंने बताया कि गणित में भी हरियाणा ने दिल्ली और चंडीगढ़ से बेहतर प्रदर्शन किया है। गणित में कक्षा 3 के 51 फीसदी छात्रों ने निपुणता का प्रदर्शन किया वहीं दिल्ली का औसत सिर्फ 47 फीसदी है जबकि चंडीगढ़ में छात्रों का गणित में प्रदर्शन केवल 39 फीसदी रहा है। अंग्रेजी भाषा में हरियाणा के छात्र 77 फीसदी अंकों के साथ शीर्ष पर रहे हैं जबकि पंजाब के 66 फीसदी छात्र ही अंग्रेजी भाषा मे कक्षा 3 तक के स्तर पर निपुण पाए गए हैं। वहीं दिल्ली के 62 फीसदी और चंडीगढ़ के केवल 42 फीसदी छात्र ही कक्षा तीसरी के स्तर पर अंग्रेजी में निपुण हैं।
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