हरियाणा ब्रेकिंग न्यूज़: करनाल। छह नशा तस्करों को अदालत ने दोषी करार देते हुए शुक्रवार को 10-10 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है। दोषियों को एक-एक लाख रुपये जुर्माना भी देना होगा। यह फैसला अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश कंचन माही की अदालत ने सुनाया। इसके अलावा टपराना गांव के रहने वाले सातवें आरोपी विशाल को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया। हरियाणा स्टेट नारकोटिक कंट्रोल ब्यूरो वर्ष 2020 में सरकार ने स्थापित किया था और इसका मुख्यालय मधुबन में है। एडीजीपी श्रीकांत जाधव के नेतृत्व में ब्यूरो की टीम नशे के विरुद्ध काम कर रही है। ब्यूरो की करनाल जिला इकाई का कार्यालय पुलिस लाइन में है और इस इकाई का यह पहला मुकदमा है, जिसमें तस्करों को सजा मिली है। 21 नवंबर 2020 को करनाल ब्यूरो इकाई में तैनात पीएसआई बिजेंद्र सिंह की टीम ने सूचना के आधार पर राष्ट्रीय राजमार्ग पर घरौंडा के समीप तस्करों को पकड़ा था। नशा तस्कर उड़ीसा से ट्रैक्टर के पीछे पानी के टैंकर में 2.30 क्विंटल गांजापत्ती छुपाकर ला रहे थे।
पुलिस ने चार आरोपियों टपराना गांव निवासी धर्मबीर, प्रमोद व विनोद तथा कैलाश गांव निवासी रणदीप को गिरफ्तार कर लिया था। इनमें से ट्रैक्टर के आगे रेकी करने वाले रणदीप व प्रमोद थे। रणदीप की गाड़ी से रेकी की जा रही थी। उसके बाद इस मामले की पूरी तफ्तीश एसआई चंदेश्वर ने की। एसआई चंदेश्वर ने बताया कि उड़ीसा के रहने वाले मुख्य सप्लायर उमाकांत उर्फ पुजारी से ये लोग नशीला पदार्थ लाए थे। कैलाश गांव के रवि उर्फ चिंकी ने अपने खाते से 60 हजार रुपये उमाकांत को दिए थे। इस मामले में सातवें आरोपी टपराना निवासी विशाल उर्फ कल्लू का भी नाम आया था जो रास्ते में ट्रैक्टर से उतर गया था। उसे बाद में गिरफ्तार किया गया था। इन आरोपियों के खिलाफ घरौंडा थाने में एनडीपीएस एक्ट सहित विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था।