Gurugram: दो लोगों ने गाड़ी मालिकों को विश्वास में लेकर 20 गाड़ियां को गायब किया
"विश्वास दिलाकर 20 गाड़ियों को गायब किया"
गुरुग्राम: न्यू कॉलोनी थाना क्षेत्र में दो लोगों ने गाड़ियों को किराए पर लिया और समय पर किराया देकर गाड़ी उपलब्ध कराने वालों के साथ अच्छी पहचान बना ली। इसके बाद बड़े स्तर पर अस्पतालों में एनआरआई मरीजों को लाने व ले जाने की बात का विश्वास दिलाकर 20 गाड़ियों को गायब कर दिया।
यही नहीं, जब आरोपियों की तलाश की गई तो आरोपियों के आधार कार्ड व पैन कार्ड भी फर्जी पाए गए। वहीं, आरोपियों ने गाड़ी मालिकों के आरसी से फर्जी आधार कार्ड भी तैयार कराए और गाड़ियों को उनके नाम पर ही 100-100 रुपये के एफिडेविट तैयार कराकर आधी कीमत में ही बेच दिया। शिकायतकतार्ओं ने बेची गई तीन गाड़ियां पकड़ ली हैं। पीड़ितों की शिकायत के आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज करके आरोपियों व गायब की गई गाड़ियों की तलाश शुरू की है। न्यू कॉलोनी निवासी उज्ज्वल मोंगिया ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि अपने दोस्त गुरकीरत सिंह संधू और दीप कौशल के साथ मिलकर अपनी पर्सनल गाड़ियों को किराए पर देते हैं। 25 अप्रैल 2024 को उनके पास सईद इदरीश व सईद जैबी दो सगे भाई निवासी जनता कॉलोनी ग्रीन हिल सोसाइटी गिलबर्ट हिल रोड मुंबई महाराष्ट्र ने जूम एप के माध्यम से उनकी गाड़ी किराए पर ली थी। दोनों भाइयों ने अपने दस्तावेज आधार कार्ड व पैन नंबर दिए थे। दोनों गाड़ी को वापस लौटा दिया। इसके बाद 27 अप्रैल 2024 को दोनों भाई उज्ज्वल मोंगिया व उसके पार्टनर के पास आए और बताया कि वे फरीदाबाद के एक निजी अस्पताल में इंटरनेशनल पेशेंट सर्विस अटेंड करने का काम करते हैं। अस्पताल में एनआरआई मरीज आते-जाते रहते हैं, ऐसे में उन्हे काफी गाड़ियों की जरूरत पड़ती है। ऐसे में उज्ज्वल व उनके पार्टनर ने दोनों भाइयों को गाड़ियां किराए पर देनी शुरू कर दीं। इन गाड़ियों का बीते अक्तूबर माह तक किराया सही देते रहे, लेकिन बीते नवंबर माह से किराए में कटौती कर दी।
जब गाड़ी मालिकों ने फोन कर संपर्क करने का प्रयास किया तो उन्होंने फोन नहीं उठाया। जब उनके दिए गए पते पर गाड़ी मालिक पहुंचे तो मकान पर ताला लगा मिला। इसके बाद उनके पड़ोसी ने बताया कि वे दस दिन पहले ही मकान खाली कर चुके हैं। ऐसे में गाड़ी मालिकों ने गाड़ियों की तलाश शुरू कर दी। इसके बाद तीन गाड़ियों को बरामद किया गया। इन गाड़ियों पर मिले ड्राइवर ने बताया कि उन्होंने ये गाड़ियां खरीदी हैं। जिन पर सबूत के तौर पर केवल 100 रुपये का एफिडेविट मिला।
उज्ज्वल मोंगिया ने बताया कि आरोपियों द्वारा किराए पर ली गई एक गाड़ी को जीपीएस की मदद से ढूंढ लिया। जिस पर फैज कुरेशी निवासी पिलोखरी रोड मेहमूद नगर मेरठ मिला। फैज ने बताया कि उसने यह गाड़ी चार लाख रुपये में खरीदी है। इस गाड़ी को बेचने के लिए ओएलएक्स पर विज्ञापन दिया गया था। पीड़ितों ने पुलिस की मदद से यह गाड़ी वापस ले ली। इस तरह 20 में से तीन गाड़ियां बरामद की गई हैं, लेकिन 17 गाड़ियां अभी भी गायब हैं।
आरोपियों ने बनाए फर्जी दस्तावेज: शिकायतकर्ता ने बताया कि आरोपी सईद जैबी व सईद इदरीश ने उनकी गाड़ियों की आरसी के आधार पर उनके आधार कार्ड व पैन नंबर भी फर्जी बनवा लिए। इसके अलावा आरोपियों द्वारा दिए गए दस्तावेज भी फर्जी मिले हैं। वहीं, पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज करके उनकी तलाश शुरू कर दी है। शिकायतकर्ता उज्ज्वल मोंगिया ने बताया कि ऐसे कई अन्य लोग भी हैं, जो उनकी धोखाधड़ी का शिकार हो चुके हैं।