गुरुग्राम: कोर्ट ने 4 पुलिसकर्मियों को सुनाई सजा

Update: 2022-03-09 12:19 GMT

राजीव नगर इलाके में हंसराज राठी के साइबर कैफे में 3 सितंबर 2009 को क्राइम ब्रांच-46 की टीम ने रेड कर दावा किया था कि कैफे में फर्जी वोटर कार्ड और आई कार्ड बनाए जाते हैं। रेड मारने वाली टीम में SI रामदयाल, कांस्टेबल सुनील, राजेश और विनोद शामिल थे। टीम ने कैफे से हंसराज राठी और उनके दोनों कर्मचारियों राजेंद्र और नरेंद्र को हिरासत में लिया था। इस बीच पुलिस की तरफ से 1 लाख रुपए की मांग की गई।

5 सितंबर को पैसे नहीं देने पर रेड की कार्रवाई दिखाते हुए तीनों के खिलाफ सिविल लाइन थाने में केस दर्ज कराकर उन्हें जेल भेज दिया गया। नवंबर 2019 में तीनों को कोर्ट से जमानत मिल गई। जमानत के बाद जब हंसराज कैफे पर पहुंचा तो सील लगी दिखी। हंसराज ने कोर्ट की शरण ली और कैफे को खुलवाया। हंसराज ने सील खुलते ही सबसे पहले कैफे में लगे सीसीटीवी कैमरे चैक किए तो उसकी फुटेज में 3 सितंबर का पूरा घटनाक्रम कैद था, जबकि पुलिस ने रेड की कार्रवाई को 5 सितंबर को दिखाया था। इसी को आधार बनाते हुए सबूतों को एकत्रित करके हंसराज ने CID चीफ को शिकायत भेजी। साथ ही बताया कि उनके कैफे में 3 सितंबर को रेड की गई थी, जबकि पुलिस ने रेड की कार्रवाई को 5 सितंबर को दिखाया।

तत्कालीन SI रामदयाल, कांस्टेबल सुनील, राजेश और विनोद को गुरुग्राम की जिला अदालत ने सजा सुनाई है। इसमें SI रामदयाल को 5 साल के अलावा अन्य 3 को तीन-तीन साल की सजा सुनाई गई। मामले में शिकायतकर्ता के एडवोकेट एनके जैन ने बताया कि जिला अदालत ने चारों को अवैध वसूली, अवैध रूप से हिरासत में रखने, झूठा मामला दर्ज कराने और मारपीट करने का दोषी ठहरा दिया है।

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