रेवाड़ी जिले के गांव पाल्हावास निवासी वेदप्रकाश की अपने ही गांव के सुरेन्द्र के साथ अच्छी दोस्ती रही है। जून 2021 में आरोपी सुरेन्द्र ने वेद प्रकाश को बताया कि गुरुग्राम नगर निगम में क्लर्क पद पर भर्ती निकली है और वह उसके बेटे हेमंत कुमार को क्लर्क लगवा सकता है। अच्छी जान-पहचान होने के कारण वह उसकी बातों में आ गया और फिर नौकरी लगवाने की बात आगे बढ़ी। सुरेन्द्र ने नौकरी लगवाने के नाम पर साढ़े 6 लाख रुपए मांगे। वेदप्रकाश के अनुसार, कुछ दिनों बाद ही उसने सुरेन्द्र को 2 लाख रुपए कैश दिए। सुरेन्द्र ने हेमंत के कागजात भी ले लिए और कहा कि सितंबर 2021 तक उसके बेटे की नौकरी लग जाएगी। कुछ दिनों बाद सुरेन्द्र ने वेद प्रकाश और उसके बेटे हेमंत को अपने घर बुलाकर हेमंत से फार्म पर हस्ताक्षर कराए और फिर साढ़े 4 लाख रुपए नकद और दिए गए।
सितंबर 2021 में आरोपी सुरेन्द्र ने हेमंत को एक जॉइनिंग लेटर और आईकार्ड दे दिया। कुछ दिनों बाद वह जब गुरुग्राम नगर निगम के कार्यालय में पहुंचा तो पता चला कि यहां कोई भर्ती नहीं निकली। न ही किसी हेमंत कुमार की नौकरी लगी है। उसके बाद पीड़ित पिता-पुत्र सुरेन्द्र के पास पहुंचे तो पहले वह उन्हें टरकाने लगा, लेकिन पर्दाफाश होने पर उसने कुछ दिनों बाद पैसे वापस लौटाने की बात की। पैसे नहीं लौटाने पर वेद प्रकाश ने रोहड़ाई थाना से लेकर एसपी तक को शिकायत दी। वेद प्रकाश का कहना है कि पुलिस ने आरोपी सुरेन्द्र के खिलाफ कार्रवाई करने की बजाए उन पर ही समझौता करने का दबाव बनाया। वेद प्रकाश ने अपने वकील के जरिए सुरेन्द्र के खिलाफ कोर्ट में इस्तगासा दायर कर दिया है। मंगलवार को कोसली स्थित एसडीजेएम मीनाक्षी यादव की कोर्ट ने रोहड़ाई थाना पुलिस को आरोपी सुरेन्द्र के खिलाफ केस दर्ज करने का आदेश दिया। कोर्ट के आदेश के बाद पुलिस ने धारा 420, 467, 468, 471 के तहत केस दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।