सिरसा न्यूज़: हरियाणा सरकार द्वारा अतिथि अध्यापक ट्रांसफर पॉलिसी के तहत अध्यापकों के तबादले किए गए हैं। जिसमें कई अध्यापक अध्यापिकाओं के तबादले उनके मनपसंद केंद्र के अलावा दूर-दूर कर दिए। इसी कड़ी में गांव शाहपुरिया के राजकीय कन्या माध्यमिक विद्यालय में कार्यरत अतिथि अध्यापिका समिता ने अपना तबादला रुकवाने की गुहार शिक्षा विभाग व सरकार से लगाई है। समिता के तीन बच्चे हैं जिनमें एक 14 वर्षीय बेटी पूरी तरह शारीरिक और मानसिक विक्षिप्त है तथा एक बेटा 70 प्रतिशत से अधिक विकलांग है। इनकी देखभाल करने की जिम्मेवारी के साथ-साथ अध्यापन कार्य भी करती है लेकिन सरकार ने अतिथि अध्यापिका समिता देवी का तबादला गांव से 100 किलोमीटर दूर फतेहाबाद के रतिया खण्ड के गांव बलियाला में कर दिया है।
मां की ममता से मजबूर अध्यापिका समिता इतनी दूर नौकरी करने में अपने आप को पूरी तरह असमर्थ पा रही है। समिता के पति अमर सिंह गांव लुदेसर के राजकीय प्राथमिक स्कूल में जेबीटी अध्यापक हैं। और अब समिता का ट्रांसफर ज्यादा दूर होने के कारण दोनों पति पत्नी बच्चों का पालन पोषण करने में असमंजस में हैं। समिता ने अपनी ट्रांसफर रोकने की गुहार लगाई है। अतिथि अध्यापिका समिता ने बताया की उसके 3 बच्चें है जिसमे 2 बच्चें जिनमे एक लड़की 100 प्रतिशत विकलांग है जो चलने-बोलने व उठने में असमर्थ है, दूसरा बेटा भी 70 से 80 प्रतिशत विकलांग जो दिमागी रूप से परेशान हैं। वह शाहपुरिया के गर्ल मिडिल स्कूल में पिछले 14 वर्ष से कार्यरत है।
समिता ने बताया कि उसने अपने नजदीकी स्कूलों के ऑप्शन भी भरे थे लेकिन उसे नजरअंदाज करते हुए मूल स्टेशन से लगभग 100 किलोमीटर दूर कर दिया गया है। अब ऐसे में एक मां अपने दो-दो विकलांग बच्चों को लेकर घूमे या स्कूल में बच्चों को शिक्षा दे। समिता ने नाथूसरी चौपटा खंड के आस-पास के गांवों में तबादला करवाने की मांग की है। इस विषय को लेकर सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने भी सरकार को घेरा है।