फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर दाखिला करवा पास करवाई 12वीं परीक्षा, पास करवाए 129 परीक्षार्थी

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Update: 2022-07-17 17:21 GMT

पिहोवा। कोरोना काल के समय फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर विभिन्न स्कूलों में दाखिला करवाकर 12वीं की परीक्षा पास करवाने के फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। 9 मई 2022 को गुप्तचर विभाग पंचकूला को सूचना मिली कि वरिष्ठ माध्यमिक परीक्षा शैक्षणिक सत्र अप्रैल-2021 में फेक प्रमाण पत्र के आधार पर परीक्षार्थियों को विद्यालयों में प्रवेश व बोर्ड परीक्षाओं में अपीयर करवाने बारे एक मामला सामने आया है। दर्ज मामले के मुताबिक अप्रैल-2021 में कोविड-19 महामारी के कारण हरियाणा सरकार शिक्षा विभाग के द्वारा बोर्ड परीक्षाओं को आयोजन नहीं करवाया गया। जिन अभ्यॢथयों को वरिष्ठ माध्यमिक परीक्षा में पूर्ण विषयों के अंतर्गत शामिल होना था, कोविड महामारी के कारण उनकी परीक्षा रद्द की गई और बोर्ड द्वारा तय नियमों के अनुसार बोर्ड परीक्षाओं में शामिल होने वाले परीक्षार्थियों का परीक्षा परिणाम घोषित किया जाना था, जिसमें सभी परीक्षार्थियों को बोर्ड द्वारा पास किया गया। इस मौके का फायदा उठाते हुए कुछ फर्जी परीक्षार्थियों ने फर्जी बोर्ड से प्रमाण पत्र लेकर 12वीं में दाखिला लेकर परीक्षा दी गई, जिसमें उनको बोर्ड द्वारा पास कर दिया गया लेकिन जब इनके दस्तावेजों की जांच शिक्षा बोर्ड भिवानी द्वारा जांच की गई तो ये फर्जी पाए गए।

ऐसे करीब 129 परीक्षार्थियों को इसमें दोषी पाया गया और इसकी सूचना शिक्षा बोर्ड द्वारा गुप्तचर विभाग को सौंपी गई। जिन विद्यालयों में इन परीक्षार्थियों ने दाखिला लिया तो उन्होंने दाखिले के वक्त इनके दस्तावेजों की जांच क्यों नहीं की, यह संदेह का विषय है। इतना ही नहीं जिन फर्जी बोर्डों द्वारा उनको प्रमाण पत्र जारी किए गए उनकी सूची भी बाकायदा पुलिस विभाग द्वारा जारी की गई है। जांच का विषय यह भी है कि फेक प्रमाण पत्र परीक्षार्थियोंको किस माध्यम से उपलब्ध हुए। ऐसे माध्यमों को पता करना तथा उन पर रोक लगाना अति आवश्यक है क्योंकि इन माध्यमों के प्रलोभनों के कारण परीक्षार्थियोंके आॢथक शोषण के साथ-साथ उनके भविष्य से भी खिलवाड़ है। हालांकि ऐसे लोगों का साथ देने वाले परीक्षार्थियोंको भी पुलिस विभाग ने दोषी ठहराया है और उनका परीक्षा परिणाम रद्द कर दिया गया है। गुप्तचर विभाग और पुलिस अधीक्षक ने मामले में संज्ञान लेते हुए आगामी कार्रवाई के लिए गुमथला चौकी को यह जांच सौंपी है।
स्कूल संचालक भी शक के दायरे में
जिन स्कूलों में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर इन परीक्षार्थियोंको दाखिला देकर उनको 12वीं की परीक्षा में उत्तीर्ण करवाने का षड्यंत्र रचा गया, वे भी शक के दायरे में आते हैं। गौरतलब है कि फर्जीतौर पर काम कर रहे शिक्षा बोर्डों की सूची बाकायदा साइट पर डाली गई है। ऐसे परीक्षार्थियोंको दाखिला देते समय उनके प्रमाण पत्रों की जांच क्यों नहीं की गई। ऐसे में कई स्कूल संचालकों पर भी गाज गिर सकती है।
बड़े स्तर पर हो सकता है फर्जीवाड़ा
कोविड महामारी के दौरान इस बात की भनक ऐसे फर्जीवाड़ा करने वालों को कैसे लगी कि इस बार परीक्षा रद्द हो सकती है और परीक्षा के लिए आवेदन करने वाले सभी परीक्षार्थियों को पास किया जाएगा। हालांकि ऐसी जानकारी बोर्ड के उच्चाधिकारियों के पास ही होती है। यह जानकारी लीक होने पर ही ऐसे फर्जीवाड़ा करने वालों ने इसका फायदा उठाया और अपने चहेतों को इस परीक्षा में पास करवाया।
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