चंडीगढ़ न्यूज़: शादी के बाद से ही मेरी परेशानियां शुरू हो गई थी. फिर एक बेटी हुई, जो 16 साल की हो गई है. बेटी के बाद ससुराल वाले बेटे के लिए परेशान करने लगे, अब मेरे 4 महीने के दो जुड़वां बच्चे और हैं. लेकिन अब भी उनका परेशान करना बंद नहीं हुआ. हालांकि मैं भी उनको गलत बोलती हूं. इसका बच्चों पर गलत असर पड़ रहा है. मेरा मार्गदर्शन करें. एक पाठक
जिन वजहों से आपको परेशानियां हो रही है, उसके बारे में परिवार एवं साथियों से खुलकर चर्चा करें. हर चीज के दो पहलू होते हैं, इसलिए कोई भी बात हो तो सकारात्मक पहलू देखने का प्रयास करें. अपने मन को व्यस्त रखने का प्रयास करें. रिलेक्स रहने के लिए नियमित योग एवं एक्सरसाइज करें. साथ ही मनोवैज्ञानिक या मनोचिकित्सक से परामर्श लें.
मैं स्टूडेंट हूं. पिछले कुछ समय से मेरे दिमाग में एक लड़की का विचार चलता रहता है. मैं उसे पसंद करने लगा हूं, लेकिन लड़की की तरफ से ऐसा नहीं है. इससे मेरी पढ़ाई बहुत प्रभावित हो रही है. मैं जानता हूं कि यह समय पढ़ाई पर ध्यान देने का है, लेकिन इस स्थिति से बाहर नहीं निकल पा रहा हूं. मेरी मदद करें. एक पाठक
आप उम्र के जिस दौर से गुजर रहे हैं, उसमें इस तरह की समस्या आम है. मन में चल रहे विचारों को दूर करने के लिए आप इसके बारे में अपने किसी करीबी या दोस्त से बात कर सकते हैं, ताकि मन हल्का हो. साथ ही उन कार्यों में मन लगाएं, जो आपकी हॉबी हों. इससे धीरे-धीरे यह विचार मन से कम होने लगेंगे. साथ ही मन को समझाएं कि समय रहते ये चीजें और बेहतर होंगी. परिपक्वता के साथ आपको जीवन में और अच्छे अवसर मिलेंगे. दोस्ती और रिलेशन के भी नए अवसर मिलेंगे. इसलिए अभी आपको यह तय करना है कि आपके लिए क्या अहम है. आप सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ें. इससे आप अपने लक्ष्य को ज्यादा समय दे पाएंगे, नहीं तो कई बार व्यक्ति नकारात्मकता में चला जाता है. मन को शांत और स्थिर रखने के लिए आपको नियमित ध्यान और व्यायाम भी करना चाहिए.