खुशखबरी : शराब पीने की उम्र कानूनी तौर पर 25 साल से घटाकर 21 साल कर दी

शराब के शौकीनों के लिए खुशखबरी है। हरियाणा में अब शराब पीने की उम्र कानूनी तौर पर 25 साल से घटाकर 21 साल कर दी गई है।

Update: 2022-02-21 13:51 GMT

शराब के शौकीनों के लिए खुशखबरी है। हरियाणा में अब शराब पीने की उम्र कानूनी तौर पर 25 साल से घटाकर 21 साल कर दी गई है। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के वकील हेमंत कुमार ने सोमवार को इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि दो महीने पहले दिसंबर 2021 में हरियाणा विधानसभा के शीतकालीन सत्र में प्रदेश में लागू आबकारी (एक्साइज) कानून, 1914 की कुल चार धाराओं में संशोधन किया गया था। विधानसभा की तरफ से 31 दिसंबर 2021 को पारित हरियाणा आबकारी (संशोधन) विधेयक, 2021 को प्रदेश के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय की स्वीकृति मिलने के बाद 11 फरवरी से उक्त संशोधन कानून को हरियाणा सरकार के गजट में प्रकाशित कर दिया गया है, जिससे वह तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है।

पहले कानून के अनुसार, धारा 27 के अंतर्गत प्रावधान था कि किसी भी देशी शराब या नशीली दवाओं के निर्माण, थोक या खुदरा बिक्री के लिए पट्टा राज्य सरकार की तरफ से 25 साल से कम उम्र के व्यक्ति को नहीं दिया जा सकता था, जिसे अब नए कानूनी संशोधन के बाद घटाकर 21 साल कर दिया गया है।
इसी प्रकार पहले धारा 29 किसी भी लाइसेंसधारी विक्रेता को 25 साल से कम उम्र के किसी भी व्यक्ति को किसी भी शराब या नशीली दवा को बेचने या वितरित करने के लिए प्रतिबंधित करती थी, जिसमें अब संशोधन कर 21 वर्ष की उम्र कर दिया गया है।
इसके अलावा धारा 30 में प्रावधान था कि 25 वर्ष से कम आयु के किसी भी पुरुष या किसी भी महिला को किसी भी व्यक्ति की तरफ से ऐसी नौकरी में नहीं रखा जा सकता, जिसके पास अपने परिसर में उपभोग के लिए शराब या नशीली दवा बेचने का लाइसेंस हो। इसमें भी संशोधन कर उम्र को घटाकर 21 वर्ष कर दिया गया है।
धारा 62 में प्रावधान था कि यदि कोई लाइसेंस प्राप्त विक्रेता या उसका कर्मचारी या उसकी ओर से कार्य करने वाला कोई व्यक्ति 25 वर्ष से कम आयु के किसी भी व्यक्ति को कोई शराब या नशीली दवा बेचता या वितरित करता है तो वह किसी भी अन्य दंड के अतिरिक्त होगा, जिस पर वह 50 हजार रुपये तक के जुर्माने से दंडनीय हो सकता था। इस धारा में भी संशोधन कर उक्त उम्र को घटाकर 21 वर्ष कर दिया गया है।
कानून में यह संशोधन करने का निर्णय पिछले वर्ष नई आबकारी नीति तैयार करते समय किया गया था क्योंकि देश के कई राज्यों, जिसमें राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीटी) दिल्ली भी शामिल हैं, में इसी प्रकार उम्र को पहले ही घटा दिया गया है।


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