लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म, दरिंदों को फांसी की सजा

शहर क्षेत्र से युवती का अपहरण करने के बाद उसके साथ दरिंदगी व सामूहिक दुष्कर्म कर रोहतक में निर्मम हत्या कर दी गई थी।

Update: 2022-12-20 05:46 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | 19 वर्षीय लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म व हत्या के बहुचर्चित मामले में एडीशनल सेशन जज आरपी गोयल की अदालत ने सोमवार को दो दोषियों को फांसी की सजा सुनाई है। शहर क्षेत्र से युवती का अपहरण करने के बाद उसके साथ दरिंदगी व सामूहिक दुष्कर्म कर रोहतक में निर्मम हत्या कर दी गई थी।

शहर निवासी एक 19 वर्षीय लड़की 9 मई, 2017 को घर से फैक्टरी में जाने के निकली थी। उसके बाद वह घर नहीं लौटी। बाद में 11 नवंबर 2017 को लड़की का शव रोहतक में सुनसान जगह में पड़ा मिला। इस पर परिजनों ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि कीर्ति नगर निवासी सुमित उनकी बेटी को तंग करता था। उसकी बेटी के विरोध करने पर आरोपी ने उसे थप्पड़ तक मार दिया था। वह बेटी की इज्जत के चलते चुप रहे गए थे। बेटी के लापता होने पर महिला ने उसके अपहरण का अंदेशा जताते हुए सुमित के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। बाद में सीआईए की टीम ने कीर्ति नगर के सुमित को तमंचे सहित पकड़ लिया। सुमित ने पुलिस की पूछताछ में बताया था कि उसने कबीरपुर निवासी विकास यादव के साथ मिलकर लड़की का कार में अपहरण किया था। उसके बाद वह लड़की को कार में लेकर रोहतक गए थे। रोहतक में उसे कोई नशीला पदार्थ खिलाकर उन्होंने उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया था। करीब 8 घंटे तक उसके साथ दरिंदगी हुई थी। बाद में पकड़े जाने के भय से रोहतक ले जाकर उसकी हत्या कर दी थी। साथ ही उसके साथ दरिंदगी करते हुए मृत शरीर को खुर्द-बुर्द कर दिया था। उसके चेहरे पर ईंटों से हमला किया गया था। लड़की के शरीर पर गहरी चोटों के 15 निशान मिले थे। इस मामले में एएसजे आरपी गोयल की अदालत ने सुमित व विकास यादव को 2 दिसंबर को मामले में दोषी करार दिया था। मामले में सोमवार को अदालत ने दोनों दोषियों को फांसी की सजा सुनाई है। मामले में अदालत में पीड़िता के माता-पिता, उसके साथ फैक्टरी जा रही सहकर्मी समेत 44 लोगों की गवाही कराई गई थी। पीड़िता के वकील ने मामले में अदालत से कठोरतम सजा देने की मांग की थी। जिस पर अदालत ने दोनों को फांसी की सजा सुनाई है।
मामले ने पकड़ा था तूल
सामूहिक दुष्कर्म व बेरहमी से हत्या किए जाने के मामले ने काफी तूल पकड़ लिया था। इसी क्रम में लोगों ने कैंडल मार्च निकालने के साथ ही जुलूस भी निकाले थे। मामले में जल्द न्याय की मांग की गई थी। मामले को बढ़ता देखकर तत्कालीन पुलिस महानिदेशक बीएस संधु सोनीपत आए और लड़की के परिजनों व लोगों से मिलकर आरोपियों को जल्दी पकडऩे व कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया था।

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