चंडीगढ़। हरियाणा के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज से आज देर शाम अंबाला में उनके आवास पर पूर्व मंत्री रामबिलास शर्मा ने मुलाकात की और विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। रामविलास शर्मा और अनिल विज बहुत पुराने मित्र हैं।वर्ष 2014 के अंदर पहली बार भजपा सरकार अकेले अपने दम पर हरियाणा में सत्ता में आई व मनोहर लाल के नेतृत्व में बनी सरकार में दोनों केनिनेट मंत्री एक साथ रहे। वर्ष 2019 में भजपा सरकार मनोहर पार्ट 2 बनी,मगर राम बिलास इलेक्शन हारने के कारण इसमे शामिल नही हो पाए।रामविलास शर्मा अनिल विज को अपना छोटा भाई मानते हैं तथा ओमप्रकाश धनखड़ से उनकी गहरी दोस्ती है।
अनिल विज भाजपा के प्रति पूर्णतः समर्पित, कर्मठ और निष्ठावान वह सिपहसालार जिन्हें पार्टी द्वारा जब-जब जो-जो जिम्मेदारियाँ सौंपी गई, हर कसौटी पर शत प्रतिशत उम्मीद अनुरूप परिणाम अनिल विज ने देकर अपनी काबिलियत को प्रमाणित किया। मौजूदा दौर में अनिल विज बेशक एक ताकतवर मंत्री हो, लेकिन उनके त्याग, समर्पण और पार्टी के प्रति भक्तिभाव के सामने यह पद कहीं नहीं ठहरते। पार्टी का वह बुरा दौर जब भारतीय जनता पार्टी का नामलेवा प्रदेश में कहीं-कहीं था, इस मुश्किल घड़ी में अनिल विज का कद अपने जिले की जनता के दिलों में उस दौर के मुख्यमंत्रियों से भी कहीं बड़ा था। अपने विधानसभा क्षेत्र में अनिल विज एक अजय प्रत्याशी के रूप में आज तक भी स्थापित नजर आ रहे हैं। प्रदेश के हर कोने में अनिल विज-रामविलास शर्म द्वारा पहुंच बना कार्यकर्ताओं में ऑक्सीजन रुपी हौसला दिया।
रामविलास शर्मा भाजपा के उन साथियों में से एक हैं। जिन्होंने भाजपा के उस रथ को सब चलाया है जब हरियाणा के अंदर भाजपा के कन विधायक नहीं हुआ करते थे। भाजपा गठबंधन की राजनीति में दूसरे दलों के साथ मिलकर इलेक्शन लड़ा करती थी। हरियाणा कि राजनीति में अंदर रामविलास शर्मा के बात अनिल विज सबसे पुराने तू नेताओं में गिने जाते हैं। हरियाणा के मनोहर पार्ट 2 मंत्रिमंडल में अनिल विज सबसे पुराने तथा सीनियर भाजपा नेता है।
रामलाल शर्मा बीजेपी के कई बार प्रदेशाध्यक्ष रहे। 1987 के अंदर भाजपा और इनेलो की जो सरकार कब बनी थी। उस वक्त रामविलास शर्मा ताकतवर मंत्रियों में से एक थे। 1996 में बंसीलाल हरियाणा विकास पार्टी से गठबंधन भाजपा ने किया और सत्ता में भागीदार बनी। 2000 के चुनावों में इनेलो को सत्ता तक पहुंचाने में भाजपा का गठबंधन काम आया था, लेकिन परिस्थितियों के अनुसार तब रामविलास भाजपा इनेलो से अलग हो गई। भाजपा के लंबे इतिहास को अपनी याददाश्त में संजोए रामविलास शर्मा बीजेपी के नेताओं व वर्तमान मंत्रियों से जब मिलते हैं तो पुराने किस्स दो-चार होने स्वाभाविक है।