पिता-पुत्र की हत्या का दोषी पैरोल के बाद वापस नहीं लौटा जेल, केस दर्ज
दोषी पैरोल के बाद वापस नहीं लौटा जेल
रोहतक: रोहतक के इस्माइला गांव में पिता-पुत्र की हत्या का दोषी पैरोल के बाद जेल वापस (Rohtak double murder case) नहीं लौटा. इस दोषी को कोरोना महामारी के चलते लागू हुए लॉकडाउन के दौरान स्पेशल पैरोल मिली थी. 9 अगस्त 2010 को इस्माइला गांव में रमेश और उसके बेटे रिंकू की गोली मारकर हत्या (rohtak double murder case ) कर दी गई थी. इस दोहरे हत्याकांड में दोषी संदीप को 8 जनवरी 2014 को उम्रकैद की सजा हुई थी. पैरोल के बाद जेल में वापस नहीं लौटने पर जेल अधीक्षक की शिकायत पर सांपला पुलिस स्टेशन ने संदीप के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है.
क्या था मामला: गौरतलब है कि 9 अगस्त 2010 की रात को रोहतक के इस्माइला रमेश और भाई विजय गांव में ही चौक पर हुक्का पी रहे थे. रमेश का पुत्र रिंकू उसे खाना खाने के लिए बुलाने आया. इसी दौरान दिल्ली रजिस्ट्रेशन नंबर की एक होंडा सिटी कार आकर रूकी. इस कार से इस्माइला का ही कुलदीप व उसका भाई संदीप नीचे उतरे. दोनों के हाथ मे पिस्तौल थी. संदीप ने रमेश और कुलदीप से रिंकू पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी. गोलियों की आवाज सुनकर रमेश का दूसरा पुत्र राकेश उर्फ काला व एक अन्य दिलबाग भागकर वहां आ गए.
कुलदीप ने राकेश पर भी फायरिंग कर दी. विजय और दिलबाग ने कुलदीप और संदीप को पकड़ने की कोशिश की लेकिन वे दोनों कार में सवार होकर फरार हो गए. बाद में रमेश, रिंकू और राकेश को इलाज के लिए पीजीआईएमएस रोहतक में ले जाया गया, जहां डाक्टरों ने रमेश व रिंकू को मृत घोषित कर दिया. घटना की सूचना मिलने पर सांपला पुलिस स्टेशन की टीम मौके पर पहुंची थी. विजय की शिकायत पर पुलिस हत्या व आर्म्स एक्ट की धारा के तहत केस दर्ज कर लिया था.
पुलिस में दिए गए बयान में विजय ने बताया था कि हत्या से कुछ दिन पहले राकेश व रिंकू ने कुलदीप व संदीप के घर पर इनवर्टर लगाया था, लेकिन इसका भुगतान नहीं किया गया था. इसी बात को लेकर रिंकू व संदीप के बीच कहासुनी हुई थी और इसी रंजिश के चलते यह हत्याकांड हुआ. सांपला पुलिस ने हत्या के आरोप में संदीप व कुलदीप को गिरफ्तार कर लिया था. रोहतक कोर्ट के एडिशनल सेशन जज कमलकांत ने 8 जनवरी 2014 को हत्याकांड के दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी.
कोरोना महामारी के चलते मिली थी स्पेशल पैरोल: पिछले साल कोरोना महामारी के चलते हत्या के दोषी संदीप को 4 अप्रैल 2020 को स्पेशल पैरोल पर जेल से रिहा कर दिया गया. उसे 17 मई को जेल में सरेंडर करना था. बाद में फिर पैरोल की अवधि बढा दी गई और 25 मार्च 2021 को सरेंडर करने को कहा गया, लेकिन संदीप ने सरेंडर नहीं किया. 27 जुलाई 2021 को इस संबंध में केस भी दर्ज हुआ.पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश पर पैरोल की अवधि एक सितंबर 2021 तक बढा दी गई, लेकिन फिर भी संदीप ने जेल में सरेंडर नहीं किया. ऐसे में जेल अधीक्षक ने रोहतक एसपी को पत्र लिखा. जिसके बाद सांपला पुलिस स्टेशन ने हत्या के दोषी संदीप के खिलाफ हरियाणा गुड कंडक्टर प्रिजनर्स (टेंपरेरी रिलीज) एक्ट की धारा 8, 9 के तहत केस दर्ज कर लिया है.