हरयाणा में बारिश से किसान हुए परेशान, खेतों में खड़े पानी के चलते फसलों के नष्ट होने का खतरा

Update: 2022-07-31 08:35 GMT

हांसी न्यूज़: उपमंडल में 21 जुलाई व उसके बाद रुक - रुक कर हो रही बरसात के चलते जमावड़ी गांव के खेतों में 10 दिन से 4 फीट से अधिक ऊंचाई तक बरसाती पानी खड़ा है। खेतों में खड़े 4 फीट से अधिक बरसाती पानी के चलते गांव में की 600 एकड़ धान की फसल सहित अन्य फसलें खराब होने की कगार पर हैं। गांव के पूर्व सरपंच सतीश कुमार, सुरेश, पूर्व बीडीसी रामधारी,दीवान सिंह, महेंद्र आदि ने बताया कि खेतों में खड़े पानी की निकासी के लिए गांव के किसान एसडीएम व सिंचाई विभाग के अधिकारियों के सामने कई बार गुहार लगा चुके हैं लेकिन आज तक किसी भी स्तर पर किसानों की कोई सुनवाई नही की जा रही है। प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा ग्रामीणों को हर रोज कल सुबह पंपसैट लगा कर पानी निकासी का आश्वासन देकर वापिस भेज दिया जाता है। पिछले 10 दिनों से खेतों में 4 फीट से अधिक बरसाती पानी खड़ा हुआ है। हालांकि इस दौरान 24 जुलाई को एसडीएम डॉ जितेंद्र अहलावत ने खेतों में खड़े बरसाती पानी का निरीक्षण किया था और सिंचाई विभाग के अधिकारियों को पानी निकासी के आदेश दिए थे। लेकिन एसडीएम डॉ जितेंद्र अहलावत द्वारा द्वारा स्वयं निरीक्षण कर दिए गए आदेशों को भी एक सप्ताह हो गया है। लेकिन आज तक प्रशासन द्वारा जमावड़ी गांव के खेतों में खड़े बरसाती पानी की निकासी के लिए कोई पहल नहीं की गई है।


किसानों का कहना था कि इस क्षेत्र में जमावड़ी गांव सबसे निचले एरिया में पड़ता है जिसके कारण हर बरसाती पानी के जमा हो जाने पर फसलें खराब हो जाती हैं। उन्होंने बताया कि बरसाती पानी की समस्या से स्थाई रूप से छुटकारा पाने के लिए ग्राम पंचायत द्वारा 1996-97 में ड्रेन का प्रस्ताव पास कर उसका नक्शा बनाया गया था। लेकिन सिंचाई विभाग ने टाल मटोल की नीति अपनाते हुए 2006 में ड्रेन के प्रस्ताव को रद्द कर दिया। किसानों ने प्रशासन से मांग करते हुए कहा कि गांव में हर साल खड़े होने वाले बरसाती पानी के स्थाई समाधान के लिए ड्रेन के रद्द किए प्रस्ताव पर पुनः विचार कर इसे बनवाया जाए। ताकि गांव में हर साल भरने वाले बरसाती पानी की समस्या से निजात मिल सके। ग्रामीणों का कहना था कि यदि प्रशासन ने उनके खेतों में खड़े बरसाती पानी को निकालने की जल्द कोई व्यवस्था नहीं की तो वे आंदोलन व सड़क मार्ग जाम करने से गुरेज नहीं करेंगे।

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