सोनीपत। राजनीति की केंद्र राजधान दिल्ली सहित आसपास के राज्यों में ठंड के दस्तक देने के साथ ही राजनीति भी गरमा जाती है। दिल्ली समेत आसपास के क्षेत्रों बढ़ते प्रदुषण को लेकर सरकारें आमने-सामने हो जाती हैं। गौरतलब है कि पंजाब-हरियाणा और दिल्ली सरकार में पराली को लेकर सियासत हमेशा से ही गर्म रहती है, लेकिन जैसे-जैसे धान कटाई का समय नजदीक आता है। वैसे-वैसे किसान भी पराली को लेकर दुविधा में रहते हैं कि इसको जलाएं या फिर इसके प्रबंधन के लिए क्या तैयारी करें, लेकिन सोनीपत में अब से पहले ही कई किसानों पर जुर्माना पराली को जलाने को लेकर हो चुका है। जिला प्रशासन के इस कदम पर भारतीय किसान यूनियन लगातार विरोध करती हुई नजर आ रही है। सोनीपत के पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में सोमवार को युवा किसान नेता वीरेंद्र पहल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान किसानों पर लगने वाले जुर्माने को लेकर उन्होंने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने की बात कही है।
हरियाणा में किसान अबकी बार पराली ना जलाएं इसको लेकर सरकार कड़े कदम उठा रही है। इसके लिए पराली जलाने पर उक्त किसान के खिलाफ जुर्माने की कार्रवाई की जा रही है। उसके बाद पुलिस में एक मुकदमा दर्ज करवाया जा रहा है। जिसको लेकर सोनीपत जिला प्रशासन ने एक्शन भी शुरू कर दिया है। कई दिन पहले सोनीपत के गोहाना में कई किसानों पर पराली जलाने को लेकर जुर्माना लगाया गया तो सोनीपत जिला उपायुक्त मनोज कुमार ने जिले में धारा 144 भी लगा दी है। इसका विरोध में अब किसान खड़े हो गए हैं। किसान नेता वीरेंद्र पहल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि सरकार और जिला प्रशासन किसानों के लिए फतवा जारी कर रहा है कि किसानों ने अगर पराली जलाई तो उनके खिलाफ मुकदमे दर्ज होंगे, उन पर जुर्माना लगाया जाएगा। हम सरकार से यह पूछना चाहते हैं कि किसानों कि खराब हुई फसलों का मुआवजा अभी तक क्यों नहीं जारी किया गया। अगर सरकार में जिला प्रशासन के अधिकारियों ने उनके मुआवजे में देरी करी है तो उन पर मुकदमा कब तक दर्ज होगा। उन्होंने बताया कि आज किसानों के खेतों में बिजली की व्यवस्था अच्छे से नहीं है। बिजली बिलों का भुगतान किसान कर रहा है, लेकिन उसके बाद भी बिजली नहीं दी जा रही है। खेतों में जाने वाली सड़के जर्जर हालत में हैं उन पर काम नहीं हो रहा है। इसके लिए जो भी अधिकारी जिम्मेवार हैं, उन पर कब कार्रवाई होगी।