राम जन्मभूमि आंदोलन के समय सरकार ने फ्रीज कर दिया था अनिल विज का बैंक खाता
चंडीगढ़। राम जन्म भूमि आंदोलन के दौरान आरएसएस व तब की जनसंघ वर्तमान में भजपा के राष्ट्रव्यापी आंदोलन में हरियाणा के 3 आरएसएस से जुड़े लोगों के बैंक खाते भी तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने ब्लॉक कर दिए थे। आरएसएस के उन तीन प्रमुख नेताओं जिनके बैंक खाते ब्लॉक किए गए थे उनमें अनिल विज,नरदेव शर्मा व मास्टर शिव प्रशाद शामिल थे। इस बात की पुष्टि वर्तमान में हरियाणा के गृह,स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने स्वयं अनौपचारिक बातचीत में की है। प्रदेश के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज पीजीआई के चिकित्सकों की सलाह पर आजकल कंप्लीट रेस्ट पर हैं। अनिल विज उस वक्त जब राम जन्मभूमि आंदोलन हुआ तब युवा मोर्चा हरियाणा के अध्यक्ष थे। विज के अनुसार समय के संघर्ष का अनुभव जबरदस्त था। आंदोलन के समय तत्कालीन एसएचओ सागर सिंह ने अनिल विज दिल्ली व आयोध्या न जाएं इसके लिए उनके घर, बस अड्डे व रेलवे स्टेशन पर विशेष पहरे लगा रखे थे। विज उनको चकमा देकर 200 साथियों के साथ आयोध्या पहुंचने में सफल रहे थे। अयोध्या में बाबरी मस्जिद ध्वस्त होने के बाद 1991 में भाजपा नेताओं को तत्कालीन सरकार द्वारा पूरी तरह से नजरबंद किया जा रहा था। उस दौरान जनसंघ व आरएसएस द्वारा किए जाने वाले किसी भी प्रदर्शन या जनसभा पर पूरी तरह से अघोषित रोक भी लगी हुई थी।
मौजूदा गृह-स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज उस दौरान भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश युवा मोर्चा के प्रधान थे और सरकार की गलत नीतियों के खिलाफ उनकी भूमिका बेहद प्रभावी दर्ज की जाती थी। भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने दिल्ली में उस दौरान सरकार के खिलाफ एक विशाल रैली के आयोजन की रूपरेखा तैयार की, जिसमें सभी नेताओं ने गिरफ्तारी भी देनी थी। इस रैली के दौरान भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी पर जब पुलिस ने लाठीचार्ज करना चाहा तो अनिल विज उनके आगे दीवार बनकर खड़े हो गए। जिस पर पुलिस ने बड़ी बेरहमी से उनके सिर- टांगों और पीठ पर वार किए, जिससे वह बुरी तरह से घायल हो गए थे। ऐसा नहीं कि उन पर पुलिस द्वारा प्रहार करने की कोई यह पहली और आखिरी घटना रही थी। समय-समय पर उनकी उपस्थिति जहां सरकारी तंत्र के प्रति बेहद आक्रामक रही है। वहीं भाजपा के वरिष्ठ नेता उनकी मौजूदगी को एक ऊर्जावान-संघर्षशील युवा नेता के रूप में महसूस करते थे। प्रदेश के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज पीजीआई के चिकित्सकों की राय पर आजकल कंप्लीट रेस्ट पर हैं। पिछले साल अनिल विज सिर दर्द की वजह से काफी परेशान चल रहे थे। पीजीआई के चिकित्सकों ने उनके सिर पर बनी 2*3 सिस्ट को एक सफल ऑपरेशन के बाद निकाल दिया था। सिर पर यह सिस्ट कैसे बनी, इसका कारण चिकित्सकों ने भी अनिल विज से काफी पूछना चाहा, लेकिन वह बार-बार इस बारे में कोई विचार साझा करने से परहेज करते नजर आए। दरअसल प्रदेश के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री लंबे समय तक कई आंदोलनों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते रहे हैं और सरकार की गलत नीतियों के विरोध में कई बार पुलिस के लाठीचार्ज के भी शिकार बनते रहे हैं। यह सिस्ट चिकित्सकों के अनुसार कहीं ना कहीं लाठी लगने का परिणाम हो सकता है।