दिल्ली एनसीआर: एक शातिर ठग ने मकान के फर्जी दस्तावेज दिखाकर बैंक से लिया 50 लाख लोन, तीन गिरफ्तार
फरीदाबाद क्राइम न्यूज़: मकान के फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत कर बैंक से 50 लाख का लोन लेने और उसे गबन कर धोखाधड़ी करने के आरोप में सीआईए एनआईटी पुलिस तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस प्रवक्ता सूबे सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि गिरफ्तार किए गए आरोपियों में शिव, राकेश तथा कुलदीप का नाम शामिल है। आरोपी शिव फरीदाबाद के गांव अहमदपुर, राकेश एनआईटी के नंगला एनक्लेव तथा कुलदीप फरीदाबाद की जवाहर कॉलोनी का निवासी है। आरोपियों ने वर्ष 2017 में सेक्टर 23 स्थित इंडियन बैंक से फर्जी दस्तावेज के आधार पर 50 लाख रुपए का लोन लिया था। पुलिस को दी शिकायत में बैंक मैनेजर ने बताया कि आरोपियों द्वारा वर्ष 2017 में जमा कराए गए दस्तावेज के अनुसार आरोपी शिव ने एसजीएम नगर में एक 250 गज का प्लॉट श्रीमती कमलजीत कौर से खरीदा है जिसके सेल डीड इन्होंने बैंक में जमा करवा दी।
दस्तावेज जमा होने के पश्चात बैंक ने 50 लाख रुपए का डिमांड ड्राफ्ट आरोपियों द्वारा बताए गए श्रीमती कमलजीत कौर के फर्जी बैंक अकाउंट के नाम पर काट दिया। लोन की 50 लाख रुपए की राशि कमलजीत कौर के खाते में न जाकर आरोपियों द्वारा दिए गए फर्जी अकाउंट में चली गई। लोन की राशि प्राप्त होने के कुछ महीनों तक आरोपियों ने किस्त जमा की परंतु बाद में जब किस्त आनी बंद हो गई तो दिसंबर 2020 में बैंक मैनेजर ने जाकर जब उक्त प्लॉट का दौरा किया तो पता चला कि यह प्लॉट कमलजीत कौर ने वर्ष 2018 में किसी रश्मि रानी को बेचा था। इसके पश्चात बैंक अपने तौर पर मामले की जांच करता रहा और जनवरी 2022 में बैंक की शिकायत के आधार पर आरोपियों के खिलाफ षड्यंत्र तथा नकली दस्तावेज तैयार करके धोखाधड़ी करने की धाराओं के तहत पुलिस थाना मुजेसर में मुकदमा दर्ज करवाया गया। इस मामले में कार्रवाई करते हुए फरीदाबाद पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने जब कमलजीत कौर से पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि जो दस्तावेज आरोपियों द्वारा बैंक में जमा करवाए गए हैं वह फर्जी है।
उन्होंने वर्ष 2017 में यह प्लॉट किसी को नहीं बेचा बल्कि वर्ष 2018 में उन्होंने यह प्लॉट रश्मि रानी को बेच दिया था। इसके पश्चात आर्थिक अपराध शाखा की टीम ने मामले में पर्याप्त सबूतों के आधार पर तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि बैंक में लोन के लिए दी गई एप्लीकेशन शिव कुमार के नाम पर थी तथा फर्जी दस्तावेज बनाने में आरोपी राकेश तथा कुलदीप भी शामिल थे। इस मामले में शामिल अन्य आरोपियों के बारे में पूछताछ की जा रही है और यदि इसमें किसी अन्य का संलिप्त होना पाया गया तो उसे भी जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।