कुम्हारों को मिट्टी उठाने के लिए सरकार द्वारा जमीन की घोषणा हुई विफल, दीपावली पर महंगे होंगे दीए

बड़ी खबर

Update: 2022-10-11 17:07 GMT
पलवल। जिले में सरकार द्वारा कुम्हारों को मिट्टी के बर्तन और दिए बनाने के लिए पांच-पांच एकड़ जमीन उपलब्ध कराने की योजना विफल गई है,जिससे उन्हें चिंता सताने लगी है। मिट्टी महंगी होने की वजह से इस बार दीपावली पर दिए महंगे मिलेंगे। कुम्हारों का कहना है कि मिट्टी जितनी महंगी खरीद कर लाई जा रही है,उतनी कीमत मिलना मुश्किल लग रहा हैं। इसके बावजूद भी दीपावली पर घरों को रोशन करने के लिए कुम्हार दिए बनाने में जुटे हैं। बता दें कि कुम्हार पहले से ही महंगाई की मार झेल रहे है। लेकिन कोरोना काल के बाद सरकार द्वारा मिट्टी के बर्तनों को बढ़ावा देने पर कुछ राहत मिली थी।
कोरोना महामारी के दौरान मिट्टी के बर्तनों की मांग बढ़ गई थी और कुम्हारों का धंधा भी चल रहा था। लेकिन बर्तन बनाने में इस्तेमाल होने वाली मिट्टी की कीमत लगातार बढ़ने से एक बार फिर से कुम्हारों को चिंता सताने लगी हैं। कुम्हारों का कहना है कि मिट्टी के दाम इतने बढ़ गए है कि दिए और करवे बनाने की लागत से कम दाम में बिक रहे है। दो साल पहले जहां मिट्टी पन्द्रह से दो हजार रूपये ट्राली मिलती थी। जिसके बाद कोरोना काल में सरकार द्वारा मिट्टी के बर्तन का बढ़ावा देने पर 3 हजार ट्राली बिकने लगी। लेकिन इस समय एक ट्राली मिट्टी की कीमत 5 हजार रूपये हो गई है। दीयों के दाम महंगे होने से उनकी ब्रिकी प्रभावित हो रही हैं।
Tags:    

Similar News

-->