अदालत ने युवक पर तलवार से हमला करने वाले निहंग को 10 साल कैद की सुनाई सजा
सोनीपत कोर्ट रूम न्यूज़: कुंडली थाना क्षेत्र में तीनों कृषि कानून को रद्द करवाने की मांग को लेकर चल रहे आंदोलन के दौरान युवक पर तलवार से हमला कर घायल करने के आरोपित को अदालत में दोषी करार दिया है। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अजय पराशर की अदालत दोषी निहंग को दस साल की कैद की सजा सुनाई है। अदालत ने दोषी पर 15 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माना राशि अदा न करने पर दोषी को अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। गांव कुंडली निवासी शेखर (21) ने 12 अप्रैल, 2021 को शिकायत देकर बताया था कि वह टीडीआई माल में मजदूरी का करता है। वह 12 अप्रैल, 2021 को दोपहर एक बजे खाना खाने के बाद अपने दोस्त मूलरूप से रोहतक के पुराना बस अड्डा क्षेत्र निवासी सन्नी के बाइक पर घर से कुंडली के टीडीआई माल में जा रहे थे। बाइक को सन्नी चला रहा था। जब वह बाइक से प्याऊ मनियारी के कट से एचएसआईआईडीसी की तरफ जाने लगे तो वह धरने वाले कैंप के पास से होकर निकल रहे थे। वहां पर कुछ निहंग सिखों की पुलिसकर्मियों से बहस चल रही थी। इससे रास्ता बंद था। सन्नी एक किनारे से होकर बाइक निकालने का प्रयास करने लगा था तो उनका एक नीले कपड़े पहने सिख युवक के साथ रास्ते को लेकर विवाद हो गया था।
सिख युवक ने उनका रास्ता रोक लिया था। उसने वहां से जाने पर जान से मारने की धमकी दी थी। वह हाथ में तलवार हुए थे। आरोपित ने अपनी पहचान पंजाब के अमृतसर के गांव सुल्तान विंड निवासी मनप्रीत के रूप में दी थी। उसने धमकी देते तलवार से उसके सिर में वार करने की कोशिश की थी। जिस पर शेखर ने सिर को बचाने के लिए हाथ ऊपर कर वार को रोकने का प्रयास किया था। इससे शेखर की कलाई पर तलवार लगी थी। सरदार युवक ने दूसरा वार करने के लिए तलवार उठाई थी तो उसने उसे पकड़ लिया था। छीना-झपटी में तलवार से उसके कंधे और पीठ पर चोट लग गई थी। शेखर और सन्नी बाइक लेकर वहां से भाग निकले थे। सन्नी घायल शेखर को लेकर कुंडली के निजी अस्पताल में पहुंचा था।
जहां से उसे नागरिक अस्पताल व बाद में पीजीआई रोहतक कर दिया था। मामले की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने घायल के बयान दर्ज कर लिए थे। पुलिस ने मामले में कार्रवाई करते हुए आरोपित को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया था। एएसजे अजय पराशर की अदालत ने आरोपित मनप्रीत को दोषी करार दिया। मंगलवार को मामले में फैसला सुनाते हुए उन्होंने भादंसं की धारा 307 में दोषी को दस साल कैद व 10 हजार रुपये जुर्माना व 506 में तीन साल की कैद व 5 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माना राशि अदा न करने पर दोषी को नौ माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।