साजिश: सीमांत गांवों के तकनीकी जानकार युवाओं को अपने साथ मिला बना रहे आतंकी संगठन

Update: 2022-08-07 10:41 GMT

ब्रेकिंग न्यूज़: आतंकी संगठनों के पंजे में फंसे ये लोग अपनी रोजाना जिंदगी में दिहाड़ी का काम करते हैं कि किसी तरह जिंदगी को आगे बढ़ाया जा सके। आईएसआई और आतंकी संगठन इन्हें आसानी से पैसे का लालच देकर फंसा रहे हैं। चूंकि यह कम पढ़े लिखे हैं, तो इनसे आसानी से कुछ भी करवाया जा सकता है। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और आतंकी संगठनों की नजर अब पंजाब के सीमांत गांवों के ऐसे कम पढ़े लिखे युवाओं पर है, जो तकनीकी जानकारी रखते हों। देश विरोधी तत्व और आईएसआई व्हाट्सएप ग्रुपों के जरिये इनकी तलाश करती है और मामूली पैसे का लालच देकर इन्हें भारत विरोधी इरादों को कामयाब करने की योजना बताती है आईएसआई एजेंसी और आतंकी संगठन 18 से 26-27 साल तक के युवाओं को अपने जाल में फंसाते हैं, क्योंकि ये आसानी से पैसा कमाने के चक्कर में कुछ भी करने को तैयार हो जाते हैं।

यह भी देखा जाता है कि ऐसे युवाओं का कोई पिछला आपराधिक रिकार्ड न हो, जिससे ये आसानी से पुलिस और एजेंसियों की नजर से बच सकें। शमशेर सिंह की गिरफ्तारी के बाद देश की खुफिया की नजर व्हाट्सएप ग्रुपों पर है। ऐसे ग्रुपों में देश विरोधी मैसेज डालने वाले और ग्रुप में आगे उसका जवाब देने या कमेंट करने वालों पर लगातार नजर रखी जा रही है। लोकल पुलिस भी ऐसे व्हाट्सएप ग्रुपों पर नजर बनाए हुए है और थानों के प्रभारी अपने इलाकों में बिजली और किसी अन्य तरह के तकनीकी काम करने वालों की वेरिफिकेशन करने में जुटे हुए हैं।  

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