पलवल। पुरानी जीटी रोड पर शहर थाने के निकट छात्रों को स्कूल लेकर जा रही एक निजी बस में अचानक आग गई। जिससे बस में अफरा-तफरी मच गई और मौके पर लोगों का जमघट लग गया। आग इतनी भीषण थी कि नजदीक की दुकानों के बोर्ड भी आग चपेट में आकर जलने लगे।
मौके पर खड़े बस ड्राइवर भगत जीत ने बताया कि वह बच्चों को स्कूल की ओर छोड़ने जा रहा था। बस में नीचे से धुआं निकलते देख कर वह रुका गया। जब उसने बस के नीचे झांक कर देखा। तो नीचे हल्की आग लगी हुई थी। पानी डालकर आग को उसने बुझाने का प्रयास किया। लेकिन आग बुझने की बजाय बढ़ने लगी। जिसके बाद मैंने फायर बिग्रेड के नंबर पर फोन कर सूचना दी। फायर बिग्रेड की गाड़ी मौके पर पहुंची। लेकिन मशीन खराब होने के चलते वह आग को बुझाने में कामयाब नहीं हो पाए। आनन-फानन में दूसरी गाड़ी फायर बिग्रेड की मंगवाई गई। तब तक आग की चपेट में आकर बस पूरी तरह से स्वाहा हो गई। गनीमत रही कि बस में से स्कूली बच्चों को नीचे उतार लिया गया, अन्यथा कोई बड़ा हादसा हो सकता था। वहीं प्रत्यक्षदर्शी हरीश और निर्मल ने बताया कि करीब सुबह 6 बजकर 35 मिनट पर बस में आग लगी। कुछ ही मिनटों में बस जलकर राख हो गई। इस हादसे के बाद कई सवाल जिला प्रशासन पर खड़े हो रहे हैं। आपको बता दें कि दमकल विभाग की जरूरत बारह महीनों में केवल दो महीने गर्मियों में सबसे ज्यादा होती है। ऐसे में आग लगी बस पर जिस फायर वैन को लेकर दमकल विभाग के कर्मचारी पहुंचे। उसकी मशीन ही खराब थी। जब तक दुसरी मशीन आई तब तक बस जलकर राख हो गई। ऐसी बड़ी लापरवाही को लेकर दमकल विभाग पर भी कार्रवाई होनी चाहिए।
हादसे में जलकर राख हुई बस भी निजी ट्रांसपोर्टर द्वारा चलाई जा रही है। बस की फिटनेस को लेकर भी सवालिया निशान खड़े होते हैं। बस का ऑन लाइन रिकार्ड देखने पर सामने आया कि इंश्योरेंस 22 जून 2022 को खत्म हो चुका है। पलवल में इस तरह के सैंकड़ो स्कूल वाहन अवैध तरीके से चल रहे हैं। प्रशासन की अनदेखी के चलते यह स्कूल वाहन छात्रों की जान पर खतरा बने दिखाई देते हैं। स्कूल बस के हादसे की खबर वायरल होते ही घबराये अभिभावक अपने बच्चों के स्कूल में फोन कर हादसे की जानकारी लेने लगे। फ़िलहाल जिला प्रशासन को चाहिए कि वह इस मामले को गंभीरता से लेकर जांच करे।