रेवाड़ी: बावल एचएसआईआईडीसी स्थित ओमैक्स ऑटो लि. के दो डायरेक्टरों के खिलाफ पुलिस ने जालसाजी का केस दर्ज किया है। यह केस डीजीपी से लेकर एसपी तक को दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर दर्ज किया गया है। आरोप है कि दोनों ने कंपनी के प्लांट और मशीनरी को बेचने के नाम पर एग्रीमेंट करते हुए 1.35 करोड़ रुपए हड़प लिए। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। गुरुग्राम के सोहना रोड स्थित मैसर्स शिपिविस्ता प्राइवेट लि. कंपनी के डायरेक्टर अमित शर्मा ने पुलिस अधिकारियों को दर्ज शिकायत में बताया कि ओमैक्स आटो लि. के डायरेक्टर तलविंद्र सिंह और देवाशीष मेहता ने उन्हें बताया था कि एचएसआईआईडीसी में कंपनी के प्लांट एंड मशीनरी बेचने हैं। इसके लिए कंपनी के सभी राइट्स उनके पास हैं। अमित शर्मा ने बताया कि उसने इन दोनों के साथ 12.55 करोड़ रुपए में सौदा तय किया था। बातचीत फाइनल होने के बाद उसने एग्रीमेंट लिखने के लिए आरटीजीएस के जरिए 1 करोड़ रुपए की राशि का भुगतान कर दिया। यह भुगतान 14 दिसंबर 2020 को किया गया था। दो दिन बाद उसने 35 लाख रुपए और देकर प्लांट एंड मशीनरी का एग्रीमेंट कर लिया।
कब्जे में ले ली थी मशीनरी: पुलिस शिकायत में अमित शर्मा ने बताया कि 1.35 करोड़ का भुगतान करने और एग्रीमेंट करने के बाद उसने प्लांट और मशीनरी को कब्जे में लेते हुए सुरक्षा गार्ड तैनात कर दिया था। इसके बाद उसने तलविंद्र से प्लांट और मशीनरी के सभी तरह से भारमुक्त होने का सर्टिफिकेट मांगा, तो कई दिनों तक वह झूठ बोलकर गुमराह करता रहा। इसी बीच उसने प्लांट में अपना कुछ सामान और मूल दस्तावेज भी रख दिए। दस्तावेज देने के नाम पर उसे लगातार भ्रमित किया जाने लगा। इन लोगों ने बार-बार मांग किए जाने के बाद भी सर्टिफिकेट नहीं दिया।
गार्ड को पीटकर बाहर निकला: अमित शर्मा का आरोप है कि गत 17 जनवरी को ओमैक्स के डायरेक्टरों ने गार्ड के साथ मारपीट करने के बाद उसे बाहर कर दिया। जब उसने इन लोगों से संपर्क किया, तो उसे बताया गया कि प्लांट एंड मशीनरी का सौदा पहले से किसी अन्य कंपनी के साथ किया हुआ है। उन्होंने तो उससे पैसा ऐंठने के लिए साजिश रची थी, जिसमें वह कामयाब हो चुके हैं। पत्र में अमित ने पुलिस अधिकारियों से उसके पैसे वापस दिलवाने की गुहार लगाई थी। अधिकारियों के आदेश पर पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज कर लिया।