हांसी क्राइम न्यूज़: हांसी साइबर क्राइम थाना ने लोगों के आधार कार्ड व पैन कार्ड के आधार पर फर्जी फर्म बनाकर जीएसटी चोरी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने इस संदर्भ में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपी दिल्ली के शकूरपुर बस्ती निवासी 25 वर्षीय शुभम व दिल्ली मुंडका निवासी दीपांशु उर्फ मोंटी है। दोनों आरोपी 12वीं पास हैं। आरोपियों के पास से दो लैपटॉप, दो मोबाइल फोन, 3 पेन ड्राइव, 4 एटीएम कार्ड, 2 पेनकार्ड, विभिन्न फर्मो के 40 फर्जी बिल, एक हार्डडिस्क, एक रुपये गिनने वाली मशीन, 2 आधार कार्ड, 8 चैक व एक डोंगल बरामद किया है।
हांसी की एसपी नितिका गहलोत ने बताया कि कुछ दिन पूर्व मंडी सैनियान निवासी प्रीतम सैनी ने हांसी के साइबर थाना में उनके नाम पर फर्जी फर्म बनाने का मामला दर्ज करवाया था। प्रीतम सैनी ने बताया कि उसके नाम से फर्जी फर्म बनाकर करीब दो करोड़ रुपए का टर्नओवर दिखाया गया है। प्रीतम सैनी द्वारा दर्ज करवाए गए मामले की जांच करते हुए साइबर थाना प्रभारी पीएसआई सुभाष व साइबर सेल टीम ने दिल्ली निवासी शुभम व दीपांशु को गिरफ्तार किया है। इनका एक सहयोगी राघव फरार चल रहा है। जिसे गिरफ्तार करने के प्रयास किए जा रहे हैं। जीएसटी चोरी मामले में शुभम मास्टरमाइंड है और वह दीपांशु व राघव के साथ मिलकर आनलाइन रजिस्ट्रेशन करवा कर नकली फर्म बनाते थे। राघव इन्हें लोगों के आधार व पैन कार्ड की हार्ड कॉपी मुहैया करवाता था।
आरोपी एनसीआर क्षेत्र के व्यापारियों को इन नकली फर्म के असली बिल उपलब्ध करवा कर जीएसटी चोरी किया करते थे। शुभम व दीपांशु ने करीब 35 नकली फर्म खोल रखी थी और इन 35 नकली फर्म का करीब 75 करोड़ का टर्नओवर है। इस प्रकार इन्होंने करीब 15 करोड़ रुपए की जीएसटी चोरी कर सरकार को चूना लगाया है। शुभम, दीपांशु व राघव ने मिलकर नकली फर्म बनाकर जीएसटी चोरी करने के 8-10 लड़कों सैलरी पर रखा हुआ था और आगे व्यापारियों को फर्जी बिल उपलब्ध करवाते थे। फर्जी बिल के एवज व्यापारियों से एक रुपया की दर से कमीशन लिया करते थे। जिसमें से ये लड़कों की सैलरी देकर बाकी आपस में बांट लिया करते थे। आरोपियों को कोर्ट में पेश कर 5 दिन के रिमांड पर लिया गया था लेकिन रिमांड के दौरान पुछताछ पुरी नहीं होने पर बृहस्पतिवार को पुनः कोर्ट में पेश कर तीन दिन के रिमांड पर लिया है। रिमांड के दौरान फरार चल रहे आरोपी राघव व अन्य आरोपियों को गिरफ्तार करने का प्रयास किया जाएगा। आरोपियों द्वारा जिन व्यापारियों को फर्जी बिल उपलब्ध करवाए गए थे उन सभी को नोटिस जारी कर पुछताछ व जांच में शामिल होने के लिए बुलाया गया है।