देहरादून: चारधाम यात्रा को शुरू हुए लगभग 49 दिन हो गए हैं। लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला जारी है। साथ ही अभी तक 150 से ज्यादा श्रद्धालुओं की मौत भी हो चुकी है। वहीं अव्यवस्थाओं पर कांग्रेस नेता हरीश रावत ने सरकार को आड़े हाथों लिया है।
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने चारधाम यात्रा व्यवस्थाओं को लेकर सरकार पर कटाक्ष किया है। उन्होंने कहा कि यात्रा से एक महीने पहले सभी व्यवस्थाओं को दुरुस्त कर लेना चाहिए था, लेकिन उस दौरान मुख्यमंत्री केंद्रीय नेताओं के सामने अपना चेहरा चमकाते रहे। चारधाम यात्रा में आने वाले तीर्थयात्रियों के लिए कई जगह पर यात्रा का पड़ाव होना चाहिए, जिससे तीर्थ यात्री वहां के मौसम और माहौल को समझ सकें। तीर्थ यात्री 24 घंटे यात्रा कर रहे हैं और ऐसे में थकान और तापमान के चलते विपरीत असर पड़ रहा है। कई तीर्थ यात्राओं की इससे मौत भी हो रही है।
हरीश रावत ने कहा कि हरिद्वार, ऋषिकेश, गंगोत्री जानकी चट्टी और कई अन्य जगहों पर तीर्थ यात्रियों के लिए ठहराव होना चाहिए।
उन्होंने कहा, सरकार की पहली गलती तो ये है कि जिस समय वो यात्रा का प्रबंधन कर रहे थे, उस समय ये अपने चेहरे, अपने राष्ट्रीय नेताओं के चेहरे चमकाने में लगे हुए थे। उन्होंने इस पर ध्यान दिया ही नहीं। नतीजा प्रारंभ में दिक्कत आई।
उन्होंने कहा, मैंने एक सुझाव दिया था कि ये जो 24 घंटा आपने यात्रा खोल दी है, इसके दो दुष्परिणाम हुए हैं। एक तो ये कि यात्री थक जा रहा है, जिससे ऑक्सीजन की कमी हो रही है और दूसरा ये कि यात्री मौसम के साथ एडजस्ट नहीं कर पा रहा है जिससे उनकी मौतें हो रही हैं।
रावत ने कहा, इतने छोटे संकेत को समझने के लिए कॉमन सेंस काफी है। अगर अब आप पड़ाव सिस्टम नहीं भी कर सकते हैं तो हरिद्वार, ऋषिकेश, केदारनाथ, यमुनोत्री जाने वालों के लिए बड़कोट में कहीं रुकने की व्यवस्था करें ताकि वो वहां आराम करें और यमुनोत्री धाम में फ्रेश महसूस करें। अब एकदम से एक्सपोजर हो रहा है। वहां के मौसम से यात्रियों की मौतें हो रही हैं।