गुजरात एटीएस ने संदिग्ध अलकायदा आतंकवादी को गिरफ्तार किया, चार के पर मामला दर्ज

Update: 2023-05-22 15:46 GMT
अहमदाबाद (आईएएनएस)| गुजरात के आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) ने सोमवार को अलकायदा के एक संदिग्ध आतंकवादी को गिरफ्तार किया। खुफिया ब्यूरो (आईबी) से मिले इनपुट के आधार पर प्रतिबंधित आतंकी संगठन से जुड़े बांग्लादेश के एक युवक को पकड़ा गया है। गिरफ्तार संदिग्ध सोजिबमिया पर आकाश खान, मुन्ना खान और अब्दुल लतीफ के रूप में पहचाने गए तीन अन्य व्यक्तियों के साथ, बांग्लादेश से भारत में अवैध रूप से घुसपैठ करने का आरोप लगाया गया था। वे अहमदाबाद के ओधव और नारोल में रह रहे थे। एटीएस ने नकली भारतीय दस्तावेज रखने वाले लोगों के बारे में खुफिया जानकारी के आधार पर कार्रवाई की।
गिरफ्तार संदिग्ध कथित तौर पर अल-कायदा में शामिल होने के लिए मुस्लिम युवकों को प्रेरित करने, चरमपंथी समूह के प्रचार को फैलाने और इसके नेताओं को धन देने का काम करता था। चारों के खिलाफ एटीएस थाने में गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत मामला दर्ज किया गया है और एक जांच शुरू की गई है।
गुजरात एटीएस की टीम ने अहमदाबाद के ओधव इलाके के सुखराम एस्टेट निवासी 28 वर्षीय सोजिबमिया अहमदअली को गिरफ्तार किया। मूल रूप से बांग्लादेश के मयमनसिंह जिले के खुद्रो गांव का रहने वाले अहमद अली को बांग्लादेश में उसकी जान-पहचान के कई लोगों ने कट्टरपंथी बना दिया था। अंतत: वह अल-कायदा का सदस्य बन गया।
अहमदअली कथित तौर पर शरीफ-उल-इस्लाम नाम के एक बांग्लादेशी व्यक्ति के संपर्क में था, जिसने उसे अल-कायदा में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया। इसके बाद शरीफ-उल-इस्लाम द्वारा अहमदअली को अल-कायदा के मयमनसिंह जिले के प्रमुख, शायबा नाम के एक व्यक्ति से मिलवाया गया।
शायबा ने अहमदअली को अन्य युवाओं को कट्टरपंथी बनाने, अल-कायदा के लिए भर्ती करने और धन जुटाने का काम सौंपा। इसके अलावा, उसे गुप्त संचार के लिए एन्क्रिप्टेड चैट एप्लिकेशन, टीओआर और वीपीएन का उपयोग करने का भी प्रशिक्षण दिया गया था।
एटीएस के उप महानिरीक्षक दीपेन भद्रन ने कहा, पूछताछ के दौरान पता चला कि अहमद अली के सहयोगी मुन्ना खान (उर्फ मुन्ना खालिद अंसारी) और आकाश खान (उर्फ जहांगीर उर्फ अधारुल इस्लाम काफिलुद्दीन अंसारी) भी अल-कायदा से जुड़े थे।
इन व्यक्तियों ने अवैध रूप से भारत में प्रवेश किया था और देश में खुद को स्थापित करने के लिए फर्जी दस्तावेज तैयार किए थे। इनसे प्राप्त जानकारी ने जांच को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिससे पूरे भारत में इस आतंकी मॉड्यूल के अधिक व्यापक नेटवर्क का पता चला है।
--आईएएनएस
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