आम जनता बनकर पहुंचे पेट्रोलियम मंत्री, घपलेबाजी करते कर्मियों को पकड़ा और सील करवाया पेट्रोल पंप

गुजरात के पेट्रोलियम मंत्री ने अपनी चालाकी से एक ऐसे पेट्रोल पंप के कर्मियों को रंगे हाथ पकड़ा है.

Update: 2021-11-09 07:23 GMT

गुजरात के पेट्रोलियम मंत्री ने अपनी चालाकी से एक ऐसे पेट्रोल पंप के कर्मियों को रंगे हाथ पकड़ा है जो घपलेबाजी करते थे। मंत्री मुकेश पटेल आम लोगों की तरह पेट्रोल पंप पर तेल भरवाने पहुंचे थे, जहां उन्होंने इस गड़बड़झाले का पर्दाफाश किया।

सूरत के जहांगीरपुरा इलाके में यश पेट्रोल पंप की गड़बड़ी के बारे में मुकेश पटेल को जानकारी मिली थी। जिसके बाद वो खुद वहां पहुंचे तो सारा मामला साफ गया। पेट्रोल पंप को सील कर दिया गया है और मामले की जांच की जा रही है।
यह पेट्रोल पंप अभी नया ही खुला था। जिसके बाद से ही इसकी शिकायतें आ रही थी। डिस्प्ले पर दिखाई देने वाले डीजल-पेट्रोल की मात्रा से कम, टैंक भरने की लगातार शिकायत के बाद मुकेश पटेल अपनी कार से पंप पर पहुंचे और डीजल भरने के लिए कहा। डीजल कम भरने का शक होने पर उन्होंने पेट्रोल पंप संचालक को बुलाया, उससे पेट्रोल पंप पर स्टॉक मेंटेनेंस रजिस्टर की मांग की।
मंत्री ये देखकर चौंक गए कि पिछले तीन-चार दिनों से किसी भी प्रकार की स्टॉक की कोई जानकारी नहीं लिखी गई थी। सभी पेट्रोल पंप संचालकों को पेट्रोल की बिक्री और स्टॉक के बारे में पूरी जानकारी रखनी होती है। पेट्रोल पंप पर स्टॉक रजिस्टर भी नहीं रखा गया था। पेट्रोल पंप संचालक की गंभीर लापरवाही को देखते हुए उन्होंने तुरंत कलेक्टर को वहां से बुला लिया। जिला कलेक्टर ने तत्काल आपूर्ति विभाग व तौल विभाग की टीम को मौके पर भेजा और जांच शुरू कर दी। जांच में सामने आया कि तेल भरने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले नोजल गलत तरीके से कैलिब्रेट किए गए थे।
अधिकारियों ने मामले के बारे में बताते हुए कहा कि मंत्री जी, रविवार देर रात अपने निजी वाहन में तेल भरवाने के लिए अपने विधानसभा क्षेत्र में पड़ने वाले नियारा पेट्रोल पंप पर गए थे। वो एक आम नागरिक के रूप वहां पहुंचे, तेल भरते समय पूछा कि पंप पर कोई डिस्प्ले क्यों नहीं है, तब कर्मचारी ने उन्हें दूसरी तरफ बोर्ड को देखने के लिए कहा।
इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए, मंत्री मुकेश पटेल ने कहा- "तेल पर जीएसटी दरों में कमी के बाद, मुझे पेट्रोल पंप मालिकों द्वारा धोखा देने की कई शिकायतें मिलीं। मेरे पास एक पेट्रोल पंप है, लेकिन मैं एक निजी कार से दूसरे पंप पर शिकायतों की जांच के लिए गया और पाया कि वे धोखाधड़ी कर रहे हैं। कर्मचारी ने 12 मिली लीटर कम भरा था… मैंने पंप से पेट्रोल-डीजल के सैंपल भी लिए और लैब टेस्ट के लिए भेज दिया है"।
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