मेहसाणा | लव मैरिज के मुद्दे पर नए कानून की मांग पर मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के सकारात्मक रुख के बाद कांग्रेस भी समर्थन में आ गई है। कांग्रेस के अहमदाबाद की जमालपुर खाड़िया से विधायक इमरान खेड़ावाला ने कहा है कि मुख्यमंत्री ने भूपेंद्र पटेल की अगुवाई वाली सरकार अगर विधानसभा में लव मैरिज में रजामंदी की शर्त जोड़ने से जुड़ा बिल लेकर आती है तो वह उसका समर्थन करेंगे। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने 30 जुलाई को महेसाणा में पाटीदार समाज के बड़े कार्यक्रम में कहा था कि लव मैरिज में इस शर्त को जाेड़ने की मांग को लेकर कानून में विचार किया जाएगा।
सीएम ने कहा था कि स्टडी की जाएगी और सबसे अच्छा परिणाम देने वाला रिजल्ट लाएंगे। अब कांग्रेस के विधायक ने मुख्यमंत्री के बयान का स्वागत करते हुए कहा है कि सीएम के बयान अच्छा है। अगर लव मैरिज में यह शर्त जुड़ती है तो अच्छा होगा। माता-पिता परेशान नहीं होंगे।
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने एक दिन पहले महेसाणा में सरदार पटेल ग्रुप (SPG) की अगुवाई में आयोजित स्नेह मिलन समारोह के कार्यक्रम में मंच से कहा था कि अभी में और स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल जब आ रहे थे। तब हमारे सामने मांग रखी गई के लड़की भगाने वालों पर कुछ होना चाहिए। प्रेम विवाह में माता-पिता की भी सहमति होनी चाहिए। ऐसा कुछ होना चाहिए। इसको लेकर कानून में विचार किया जाएगा, स्टडी की जाएगी और सबसे अच्छा परिणाम देने वाला रिजल्ट लाएंगे।
गुजरात में पाटीदार समाज की तरफ से प्रेम विवाह के रजिस्ट्रेशन में यह शर्त अनिवार्य किए जाने की मांग की जा रही है, ताकि बेटियों का भविष्य सुरक्षित किया जा सके और लव मैरिज के साथ लव जिहाद के मामले भी कम हों। पाटीदार समाज ने पिछले साल सबसे पहले यह मांग रखी थी। इसमें माता-पिता की रजामंदी उनके दस्तखत प्रेम विवाह में जरूरी करने की मांग थी। माता-पिता के नहीं होने पर ब्लड रिलेशन में आने वाले सगे संबंधियों के दस्तखत को जरूरी करने की मांग की गई थी। इतना ही नहीं प्रेम विवाह के उम्र 18 से 21 वर्ष करने की मांग रखी थी।
गुजरात कांग्रेस विधायक इमरान खेड़ावाला ने मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के बयान का समर्थन किया है। खेड़ावाला का कहना है कि प्रेम विवाह कानून में संशोधन कर सरकार बिल लाती है तो वे सरकार का समर्थन करेंगे। इमरान खेड़ावाला ने ट्वीट कर सीएम के बयान का समर्थन किया है। ऐसा माना जा रहा है कि लव मैरिज में माता पिता की अनुमति अगर अनिवार्य हो गई तो काफी सामाजिक सुधार आए और लव जिहाद के मामले भी कम हो सकते हैं।
इमरान खेड़ावाला से पहले कांग्रेस की एकमात्र विधायक गेनीबेन ठाकाेर भी यह मांग उठा चुकी हैं, हालांकि सरकार की तरफ से पहली बार इस मुद्दे पर कोई सार्वजनिक प्रतिक्रिया सामने आई है। इस मुद्दे पर गौर करने की बात खुद राज्य के मुख्यमंत्री ने कही है। ऐसे में चर्चा शुरू हो गई है कि क्या गुजरात देश का पहला राज्य बनेगा? जहां पर प्रेम विवाह के मामलों के पंजीकरण में माता-पिता की दस्तखत जरूरी हो जाएगी।