नर्मदा एक्सप्रेसवे MP के 11 जिलों से गुजरेगा, गुजरात से सीधे जुड़ेगा छत्तीसगढ़

ये देश का सबसे लंबा 6 सिक्सलेन और प्रदेश का सबसे लंबा एक्सप्रेस-वे होगा.

Update: 2021-11-28 15:56 GMT

ये देश का सबसे लंबा 6 सिक्सलेन और प्रदेश का सबसे लंबा एक्सप्रेस-वे होगा. 1265 किलो मीटर लंबे इस एक्सप्रेस के निर्माण में 31 हजार करोड़ की लागत आएगी. शुरुआती जानकारी के मुताबिक, यह एक्सप्रेस-वे अनूपपुर, डिंडोरी, मंडला, जबलपुर, नरसिंहपुर, होशंगाबाद, हरदा, खंडवा, खरगौन, बड़वानी और अलीराजपुर जिलों से गुजरेगा. इसमें प्रति किमी सड़क करीब 25 करोड़ रुपये में बनेगी. सड़क के दोनों और राईट ऑफ होगा, जिसे करीब 100 मीटर का बनाया जाएगा.

गौरतलब है कि नर्मदा एक्सप्रेस-वे में मप्र के अनूपपुर को छत्तीसगढ़ से जोड़ा जाएगा. दूसरी ओर, अलीराजपुर की सड़क को अहमदाबाद तक बढ़ाया जाएगा. इस तरह ये एक्सप्रेस-वे गुजरात से कनेक्ट होगा. इस तरह पूर्वी मध्य प्रदेश और पश्चिमी मप्र सीधे जुड़ जाएंगे. इस प्रोजेक्ट की अलाइनमेंट रिपोर्ट सामने आ गई है. अधिकारियों ने इस रिपोर्ट में प्रदेश के 12 स्टेट हाइवे और नेशनल हाइवे को शामिल किया है.
जिन स्टेट हाईवे को अलाइनमेंट रिपोर्ट में शामिल किया गया है, वे फिलहाल टू-लेन हैं. इन सड़कों को एक्सप्रेस-वे में शामिल करते ही इनका चौड़ीकरण कर दिया जाएगा. उसके बाद ये सड़कें टू लेन से फोर लेन हो जाएंगी. जानकारी के मुताबिक, लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव नर्मदा एक्सप्रेस-वे के अलाइनमेंट का प्रजेंटेशन देख चुके हैं. इसके लिए उन्होंने हामी भी भर दी है. अब अधिकारी इसका प्रेजेंटेशन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सामने करेंगे. जैसे ही उनकी स्वीकृति मिलती है, वैसे ही इसे मप्र सड़क विकास निगम के संचालक मंडल में रखा जाएगा. इसके बाद डीपीआर तैयार कराया जाएगा.
बता दें, नर्मदा एक्सप्रेस वे प्रदेश की सबसे लंबी सड़क होगी. इससे करीब 30 एनएच, स्टेट हाइवे और जिलों की कई महत्वपूर्ण सड़कों को जोड़ा जाएगा. करीब 12 शहरों को सीधा इससे कनेक्ट किया जाएगा. ये हाईवे यमुना एक्सप्रेस वे से 4 गुना बड़ा होगा. इसमें हरदा जिले की सीमा वाली सड़के भी 6 लेन होंगी. हरदा को खंडवा और होशंगबाद से कनेक्ट करने वाली सड़क 6 लेन हो जाएगी. उसके बाद करीब 29 शहर और कस्बे भी इससे जुड़ जाएंगे.
इस प्रोजेक्ट में इस बात पर फोकस किया गया है कि शहरों के आस-पास छोटी-छोटी टाउनशिप डेवलप की जाए. इसके अलावा करीब 6 जगहों पर इंडस्ट्रीयल हब बनाने की भी योजना है. इंडस्ट्रीयल हब को तैयार करने का काम उद्योग विभाग को दिया जाएगा. उद्योग विभाग ही औद्योगिक क्षेत्रों का विकास कर उद्योगपतियों को जमीन लीज पर देगा. इस प्रोजेक्ट पर अधिकारी बहुत तेजी से काम कर रहे हैं.
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