मॉडलिंग की दुनिया छोड़ चुनावी मैदान में उतरी ऐश्रा, सरपंच बनने के लिए मांग रही वोट
गुजरात की ग्राम पंचायतों में इन दिनों चुनावी माहौल है.
गुजरात की ग्राम पंचायतों में इन दिनों चुनावी माहौल है. राज्य की 6000 पंचायतों में चुनाव होना है जिसके लिए चुनाव प्रचार काफी तेज चल रहा है. इसी चुनावी मैदान में अब मुंबई की एक मॉडल उतरी हैं और वह सरपंच बनने के लिए अपने गांव के घर-घर जाकर वोट मांग रही हैं.
छोटा उदयपुर के संखेडा तहसील के कावीठा गांव में पहली बार सरपंच पद के लिए जनरल केटेगरी की महिला सीट मिली है. मुंबई में मॉडलिंग करने वाली ऐश्रा पटेल इसी गांव की रहने वाली हैं, इसलिए अब वह सरपंच के चुनाव में हाथ आजमाने उतरी हैं. मॉडल ऐश्रा पटेल अब तक 100 से ज्यादा अलग-अलग ब्रांड्स के लिए मॉडलिंग करती हैं.
कोरोना काल में देखी गांव की परेशानी
चुनाव में सरपंच पद के लिए अपना पर्चा दाखिल करने वाली ऐश्रा पटेल का कहना है, लॉकडाउन में मैंने काफी वक्त अपने गांव में बिताया. यहां कुछ लोगों को कोरोना हुआ था, उनके पास न तो पैसे थे और न ही उन्हें इस संक्रामक बीमारी को लेकर कुछ पता चल पा रहा था. तब मैंने अपनी ओर से जितनी हो सकती थी, उतनी उनकी मदद की.
तभी होगा लोगों का विकास
मॉडल ऐश्रा ने बताया कि इस गांव में ज़्यादातर लोग सिर्फ किसान हैं और हर रोज किसी न किसी समस्या से लड़ते रहते हैं. यह देख मैंने सोचा कि इनके लिए कुछ करना चाहिए और अगर गांव का विकास होगा तभी लोग का विकास होगा.
सरपंच का कोई मैनेजमेंट नहीं
सरपंच उम्मीदवार का कहना है, मैंने दुनिया के कई देश में घूमे हैं. दुनिया तो काफ़ी आगे बढ़ गई है, लेकिन मेरा गांव आगे नहीं बढ़ा है. मुझे लगा कि इन लोगों के लिए कुछ करना चाहिए, इसलिए मैंने गांव की मुखिया बनने का फ़ैसला लिया है.' उन्होंने बताया कि गांव के मौजूदा सरपंच का कोई मैनेजमेंट नहीं है, उसका काम कोई और देखता है, ऐसे में विकास मेरी पहली प्राथमिकता हैं.
घर-घर जाकर चुनाव प्रचार
ऐश्रा पटेल का कहना है कि मैं चाहती हूं कि यहां गांव में ही बच्चों को अच्छी शिक्षा मिले, यहां के लोगों को सरकारी सभी योजनाओं का फ़ायदा मिले. यही नहीं, जिन लोगों को काम नहीं मिलता है, उन्हें मनरेगा के तहत रोज़गार प्राप्त हो. मॉडलिंग को छोड़ ऐश्रा अब अपने गांव का विकास करना चाहती हैं और इसी उम्मीद में वह गांव के लोगों के बीच घर-घर जाकर चुनाव प्रचार भी कर रही हैं, और उन्हें उम्मीद है कि गांव के लोग उस पर जरूर भरोसा करेंगे.