700 सरकारी स्कूलों में पढ़ाने के लिए बस एक टीचर, गुजरात सरकार ने दी जानकारी

गुजरात की शिक्षा व्यवस्था से जुड़ा एक चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है.

Update: 2022-03-15 18:46 GMT

गुजरात की शिक्षा व्यवस्था से जुड़ा एक चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है. यहां ऐसे 700 सरकारी प्राइमरी स्कूलों का पता चला है जिनमें पढ़ाने के लिए केवल एक टीचर है. हरेक स्कूल के ऐसे एकमात्र टीचर के पास पहली से लेकर आठवीं क्लास तक के बच्चों को पढ़ाने की जिम्मेदारी है.  खबर के मुताबिक खुद गुजरात सरकार की तरफ से राज्य की विधानसभा में ये जानकारी दी गई है. सरकार ने ये भी बताया है कि पिछले दो सालों में राज्य 86 सरकारी प्राइमरी स्कूल बंद कर दिए गए, वहीं 491 स्कूलों को मर्ज कर दिया गया.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जिन स्कूलों में केवल एक टीचर पढ़ाने के लिए उपलब्ध हैं, उनकी सर्वाधिक संख्या कच्छ में है. यहां ऐसे करीब 100 स्कूल हैं. वहीं महिसागर में 74 और तापी में ऐसे कुल 59 स्कूल हैं. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक शहरी इलाकों में भी ऐसे स्कूल मौजूद हैं. सूरत में ऐसे 43, वडोदरा में 38, राजकोट में 16, गांधीनगर में 9 और अहमदाबाद में 4 स्कूल ऐसे हैं, जिनके लिए केवल एक टीचर ही उपलब्ध है.
विपक्ष ने घेरा
गुजरात सरकार ने ये आंकड़े विधानसभा में शून्यकाल के दौरान दिए. इन आंकड़ों के सामने आने के बाद विपक्षी कांग्रेस पार्टी ने राज्य में बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार पर जमकर निशाना साधा. कांग्रेस की तरफ से पूछा गया कि आखिर कैसे एक टीचर पूरे स्कूल की सारी क्लासों और बच्चों को पढ़ाता है. पार्टी की तरफ से कहा गया कि स्कूलों में अध्यापकों के ना होने की वजह से ही बड़ी संख्या में बच्चे पढ़ाई छोड़ रहे हैं.
इधर सरकार ने कहा कि रिटायरमेंट, शिक्षकों के निधन और ट्रांसफर की वजह से ऐसी स्थिति बन गई है. खबर के मुताबिक उसने बताया कि जल्दी ही जरूरी शिक्षकों को नियुक्त किया जाएगा.विधानसभा में कांग्रेस पार्टी की तरफ से विधायक ललित कगाथरा ने ये मुद्दा उठाया था. उन्होंने कहा था कि अध्यापकों के ना होने की वजह से कई स्कूलों को बंद किया जा चुका है. इनमें वो इलाके भी शामिल हैं, जहां से बीजेपी के बड़े नेता आते हैं. विधानसबा की कार्यवाही के दौरान ललित कगाथरा ने पूछा था कि क्या सरकार जरूरी नियुक्तियां करने पर विचार कर रही है?
जवाब में सरकार ने बताया कि प्रदेश के सैकड़ों स्कूलों में केवल एक ही टीचर पढ़ा रहा है. साथ में ये भी बताया कि राज्य में असिस्टेंट एजुकेशन इंस्पेक्टर के करीब 563 पद खाली हैं. गुजरात में ऐसे 17 जिले हैं, जहां एक भी एजुकेशन इंस्पेक्टर नहीं है. वहीं तालुका स्तर पर प्राइमरी एजुकेशन ऑफिसर के 132 पदों पर नियुक्तियां की गई हैं, जबकि 93 पद अभी भी खाली हैं.
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