शिमला: भारी बारिश ने उत्तर भारत के सभी राज्यों में तांडव मचा रखा है। सबसे ज्यादा हाहाकार हिमाचल प्रदेश और इस जैसे अन्य पहाड़ी राज्यों में मचा हुआ है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नडडा ने अपने गृह राज्य हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और प्रदेश अध्यक्ष राजीव बिन्दल से बात कर प्रदेश में भारी बारिश के कारण हुए नुकसान से संबंधित हालात का जायजा लिया। हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश की वजह से पैदा हुए हालात और लोगों की परेशानी को देखते हुए नड्डा ने पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं को आगे बढ़कर प्रभावित लोगों की हरसंभव मदद का निर्देश दिया है।
पहाड़ों के साथ-साथ मैदानी इलाकों में भी बारिश मुसीबत लेकर आई है.पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश में भी बारिश का कहर दिख रहा. गुरुग्राम में पास के इलाके में गंभीर जलजमाव हो गया है. प्रशासन द्वारा बेहद जरूरी काम होने पर ही घर से बाहर निकलने का निर्देश दिया गया है. दिल्ली में मिंटो ब्रिज के अंडरपास के नीचे पानी भर गया है, जिसके चलते उसे बंद कर दिया गया. वहीं, चंपंजाब में भी बारिश ने कम कहर नहीं मचाया है. चंडीगढ़ की एक सोसायटी बारिश के चलते भारी जलजमाव की स्थिति पैदा हो गई. इसके चलते सोसायटी के अंदर प्रशासन को नावें चलानी पड़ी.
11 और 12 जुलाई को चमोली, पौड़ी गढ़वाल, पिथौरागढ, बागेश्वर, अल्मोडा, चंपावत, नैनीताल, उधम सिंह नगर के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है. इसके अलावा देहरादून और हल्द्वानी में स्कूल 10 जुलाई को बंद रहेंगे. उत्तराखंड में 3 नेशनल हाइवे, 10 स्टेट हाइवे, 61 गांवों से निकलने वाले हाइवे लैंडस्लाइड के चलते बंद हैं. उत्तरकाशी-यमुनोत्री (NH-94) और उत्तरकाशी-गंगोत्री (NH-108) भूस्खलन के चलते बंद हैं. इसके अलावा देहरादून में NH-707A भी बंद कर दिया गया है. आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने पर्यटकों, तीर्थयात्रियों से उच्च हिमालयी स्थानों पर जाने से बचने का आग्रह किया है. बचाव और राहत के लिए एनडीआरएफ के साथ एसडीआरएफ की 34 कंपनियां तैयार हैं.