35 यूनिवर्सिटी के फेक सर्टिफिकेट और मार्कशीट बनाने वाली गुजरात की महिला गिरफ्तार

गुजरात की नर्मदा पुलिस ने मंगलवार को एक 30 वर्षीय महिला को गिरफ्तार किया।

Update: 2022-01-26 13:27 GMT

 गुजरात की नर्मदा पुलिस ने मंगलवार को एक 30 वर्षीय महिला को गिरफ्तार किया। इसके साथ ही फर्जी प्रमाण पत्र और मार्कशीट के कथित राष्ट्रव्यापी रैकेट की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया। बता दें कि बिरसा मुंडा विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार ने इसकी शिकायत की थी, जिसके बाद मामला सामने आया। नई दिल्ली में गिरफ्तार आरोपी महिला का पीछा करने वाली पुलिस ने बताया कि आरोपी महिला के विश्वविद्यालय के कर्मचारियों के साथ भी संबंध थे और उसने 2020 से लेकर अब तक 1000 से अधिक नकली प्रमाण पत्र बेचें हैं।

बता दें कि 10 दिसंबर 2021 को बिरसा मुंडा विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार ने राजपीपला पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी कि विश्वविद्यालय को वेरिफिकेशन के लिए फर्जी प्रमाण पत्र मिला है। जिसे विद्यालय की नकली वेबसाइट के माध्यम से बनाया गया है। पुलिस ने अपने सूत्रों के माध्यम से फर्जी वेबसाइट की पहचान की और पता चला कि जो डॉक्यूमेंट बनाए गए हैं वह दिल्ली के उत्तम नगर एरिया के पते के हैं।फर्जी पीएचडी सर्टिफिकेट के लिए 3 लाख तक की वसूली: आरोपी की पहचान बौली नंद रेव के रूप में हुई है जो कि इस कथित रैकेट का हिस्सा थी। इस रैकेट ने करीब 35 विश्वविद्यालयों के फर्जी मार्कशीट और प्रमाण पत्र बनाए हैं।
नर्मदा एसपी हिमकर सिंह ने द इंडियन एक्सप्रेस से कहा कि जिस महिला को पकड़ा गया है वह गूगल की पूर्व कर्मचारी थी जिसे 2020 में निकाला गया था। उसके बाद उसने इस रैकेट को ज्वाइन किया। एसपी हिमकर सिंह ने बताया कि हम उस महिला के 35 विश्वविद्यालयों के साथ नेटवर्क की जांच कर रहे हैं, जिसके फर्जी मार्कशीट और प्रमाण पत्र हमें मिले हैं। डीएसपी केवड़िया डिवीजन वाणी दुधात के नेतृत्व में एसआईटी इन विश्वविद्यालयों के निचले कर्मचारियों की संलिप्तता की जांच करेगी।हिमकर सिंह ने आगे बताया कि बेचे गए ज्यादातर प्रमाण पत्र बैक डेट के हैं और काफी महंगे दामों में बेचा गया। उन्होंने बताया कि महिला मूल रूप से झारखंड की रहने वाली है और पिछले डेढ़ साल से दिल्ली में रह रही है। महिला ने पुलिस को बताया कि उसने एक हजार से ज्यादा फर्जी सर्टिफिकेट और मार्कशीट बेची है और आरोपी महिला ने फर्जी पीएचडी सर्टिफिकेट के लिए 3 लाख रुपए तक वसूले हैं।




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