गुजरात के मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल का उत्तर गुजरात के 135 गांवों के किसानों, पशुपालकों और ग्रामीणों के लिए महत्वपूर्ण दृष्टिकोण, जानिए पूरी खबर

Update: 2022-06-21 10:46 GMT

गुजरात ब्रेकिंग न्यूज़: मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल ने उत्तर गुजरात के बनासकांठा और पाटण जिले के 135 गांवों के किसानों, पशुपालकों तथा ग्रामीण आबादी को पेयजल और सिंचाई का पानी पहुंचाने का मानवीय संवेदनापूर्ण अहम दृष्टिकोण अपनाया है। मुख्यमंत्री ने इस उद्देश्य से सुजलाम सुफलाम योजना के अंतर्गत कसरा-दांतीवाड़ा उद्वहन पाइप लाइन योजना के लिए 1566.25 करोड़ रुपए के कार्यों को मंजूरी दी है। इसके अलावा, उन्होंने डिंडरोल-मुक्तेश्वर उद्वहन (लिफ्ट) पाइप लाइन योजना के लिए भी 191.71 करोड़ रुपए के कार्य शुरू करने की अनुमति प्रदान की है। मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल ने इस पानी को लेकर बनासकांठा जिले की विशेषकर पालनपुर और वडगाम तहसील की ग्रामीण आबादी, पशुपालकों और किसानों की मांग एवं जनभावनाओं पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है। इन दोनों उद्वहन पाइप लाइन योजना के परिपूर्ण होने से अब तक नर्मदा मुख्य नहर की सिंचाई सुविधा से वंचित रहे बनासकांठा जिले के पूर्वी क्षेत्रों में सिंचाई सहित अन्य उपयोग के लिए पानी का एक विश्वसनीय स्रोत तैयार होगा।

मुख्यमंत्री ने पालनपुर और वडगाम तहसील की जनता-जनार्दन की भावनाओं पर दी सकारात्मक प्रतिक्रिया:

सुजलाम सुफलाम योजना के अंतर्गत 78 किमी लंबी कसरा-दांतीवाड़ा उद्वहन पाइप लाइन के कार्यों के लिए 1566 करोड़ मंजूर किए

252 तालाबों को नर्मदा के पानी से भरा जाएगा, 300 क्यूसेक पानी होगा वहन

डेढ़ लाख हेक्टेयर भूमि को मिलेगा सिंचाई का लाभ

30 हजार से अधिक ग्रामीण किसान परिवारों को मिलेगा विश्वसनीय जल स्रोत से पानी  33 किमी लंबी डिंडरोल-मुक्तेश्वर सुजलाम सुफलाम पाइप लाइन योजना के लिए मंजूर किए 192 करोड़

लिप्ट इरिगेशन पाइप लाइन से 100 क्यूसेक पानी मुक्तेश्वर बांध में भरा जाएगा

राज्य में सर्वाधिक पशुधन वाले बनासकांठा जिले में पेयजल और सिंचाई के पानी की चिंता का मुख्यमंत्री ने किया समाधान

उल्लेखनीय है कि राज्य के अधिकांश इलाकों में नर्मदा के पानी का लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने अपने मुख्यमंत्रित्व काल के दौरान 2004 में सुजलाम सुफलाम योजना कार्यान्वित की थी। इस योजना के एक भाग के रूप में उत्तर गुजरात के जिलों को नर्मदा जल उपलब्ध कराने के लिए नर्मदा मुख्य नहर आधारित 14 पाइप लाइन योजनाओं के आयोजन में से 12 पाइप लाइन योजनाएं पूरी होकर कार्यरत भी हो गई हैं। अब, मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल ने शेष बची 78 किलोमीटर लंबी और 300 क्यूसेक वहन क्षमता वाली कसरा-दांतीवाड़ा उद्वहन पाइप लाइन योजना के लिए 1566.25 करोड़ रुपए की प्रशासनिक मंजूरी दी है। इतना ही नहीं, उन्होंने मुक्तेश्वर बांध में नर्मदा का पानी पहुंचाने के लिए 100 क्यूसेक वहन क्षमता वाली 33 किलोमीटर लंबी डिंडरोल-मुक्तेश्वर उद्वहन पाइप लाइन योजना के लिए भी 191.97 करोड़ रुपए स्वीकृत किए हैं। श्री भूपेंद्र पटेल द्वारा कसरा-दांतीवाड़ा उद्वहन पाइप लाइन के कार्यों के लिए दी गई प्रशासनिक मंजूरी के परिणामस्वरूप बनासकांठा जिले की डीसा, कांकरेज, दांतीवाड़ा और पालनपुर तहसीलों के 73 गांवों के 156 तालाबों को पाइप लाइन से जोड़कर नर्मदा का पानी उपलब्ध कराया जाएगा।

इसके अतिरिक्त, पाटण जिले की हारिज और सरस्वती तहसील के 33 गांवों के 96 तालाबों को भी नर्मदा के पानी से भरा जाएगा। कसरा-दांतीवाड़ा उद्वहन पाइप लाइन योजना के जरिए कुल 252 तालाबों के नर्मदा के पानी से भरने के कारण लगभग डेढ़ लाख हेक्टेयर भूमि को सिंचाई का लाभ तथा 30 हजार से अधिक ग्रामीण किसान परिवारों को सिंचाई और पीने के लिए तथा पशुधन के पेयजल की सुविधा और भी आसानी से उपलब्ध होगी। मुख्यमंत्री द्वारा डिंडरोल-मुक्तेश्वर जलाशय के लिए 33 किलोमीटर लंबी उद्वहन पाइप लाइन योजना के लिए 191.97 करोड़ रुपए के कार्यों को मंजूरी देने से वडगाम तहसील के 24 गांवों के 33 तालाबों को पाइप लाइन से जोड़ा जाएगा। इसके अलावा, पाटण जिले की सिद्धपुर तहसील के 5 गांवों के 9 तालाबों को भी जोड़ा जाएगा। डिंडरोल-मुक्तेश्वर उद्वहन पाइप लाइन योजना के माध्यम से नर्मदा का 100 क्यूसेक पानी वहन कर मुक्तेश्वर जलाशय में डाला जाएगा। इस तरह लंबे वक्त से सूखे पड़े इस जलाशय में पानी की आवक होगी। इस योजना से बनासकांठा के पूर्वी क्षेत्र के ऊंचाई पर स्थित गांवों की 20,000 हेक्टेयर भूमि को सिंचाई का लाभ प्राप्त होगा।

उल्लेखनीय है कि बनासकांठा में सरदार सरोवर नर्मदा मुख्य नहर का अधिकांश सिंचित क्षेत्र जिले के पश्चिमी हिस्से में है। वहीं, जिले का लगभग दो तिहाई क्षेत्र नर्मदा मुख्य नहर की पूर्वी दिशा में स्थित है और यह इलाका अब तक सिंचाई की विश्वसनीय सुविधा से वंचित था। इतना ही नहीं, भूमिगत जलस्तर का लगातार नीचे गिरना तथा राज्य में सर्वाधिक पशुधन वाले बनासकांठा में पशुओं के लिए भी पानी का उपलब्ध न होना चिंता का एक बड़ा विषय था। मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल ने इस समस्या के समाधान के रूप में तथा बनासकांठा के ग्रामीण नागरिकों की भावनाओं पर सकारात्मक प्रतिक्रिया देते हुए कसरा-दांतीवाड़ा और डिंडरोल-मुक्तेश्वर, दो उद्वहन पाइप लाइन योजनाओं को प्रशासनिक मंजूरी दी है। मुख्यमंत्री के इस जनहितकारी दृष्टिकोण के कारण अब इन योजनाओं के साकार होने से बनासकांठा जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में आने वाले समय में पीने तथा सिंचाई के उपयोग के लिए नर्मदा का पानी उपलब्ध होगा।

Tags:    

Similar News

-->