पोरबंदर। गुजरात पुलिस के आतंकवाद-रोधी दस्ते (एटीएस) ने प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट ऑफ खुरासान प्रोविंस (आईएसकेपी) से कथित तौर पर जुड़े चार लोगों को हिरासत में लिया है। राज्य के गृह मंत्री हर्ष सांघवी ने शनिवार को पुष्टि की कि फरार चल रहे पांचवें सदस्य की तलाश की जा रही है। आरोपियों की पहचान श्रीनगर के सौरा निवासी उबैद नासिर मीर, हनान हयात शॉल और मोहम्मद हाजिम शाह के रूप में हुई। इसके अलावा चौथे आरोपी सुमेरबानू मोहम्मद हनीफ एम. सूरत के सैय्यदपुरा का निवासी है।
फरार सदस्य श्रीनगर के अमीरा कदल निवासी जुबैर अहमद मुंशी है। एटीएस के अनुसार, अबू हमजा- उबैद नासिर मीर, हनान हयात शॉल और मोहम्मद हाजिम शाह का हैंडरल था, और उसी ने इन्हें कट्टरपंथी बनाया था। यह सभी आईएसकेपी में शामिल हो गए थे।
तीनों पोरबंदर से अफगानिस्तान से ईरान की ओर तटीय मार्ग से भारत छोड़ने का प्रयास कर रहे थे।
विशिष्ट सूचना पर एटीएस ने आगे की कार्रवाई की, जिसमें दो और व्यक्तियों जुबैर अहमद मुंशी व सुमेरबानू के उसी आईएसकेपी मॉड्यूल का सदस्य होने की बात पता चली।
सुमेरबानू के आवास पर गुजरात एटीएस और सूरत अपराध शाखा द्वारा एक संयुक्त छापे से कई कट्टरपंथी आईएसकेपी प्रकाशन और आईएसकेपी नेता के प्रति उनकी निष्ठा की पुष्टि करने वाली सामग्री बरामद हुई।
पोरबंदर में खोजे गए तीनों सामानों के साक्ष्य में व्यक्तिगत पहचान दस्तावेज, डिजिटल संचार उपकरण, तेज धार वाले हथियार और आईएसकेपी बैनर और झंडे के साथ व्यक्तियों को दिखाते हुए क्लाउड स्टोरेज डेटा शामिल हैं।
इसमें आईएसकेपी नेता के प्रति निष्ठा की शपथ लेने वाले चार कश्मीरी युवकों के वीडियो और खुरासान जिहाद में शामिल होने की उनकी प्रतिबद्धता की पुष्टि करने वाले दस्तावेज भी शामिल थे।
एटीएस के अनुसार, संदिग्धों को उनके आका अबू हमजा ने मछली पकड़ने वाली नाव पर मजदूरों के रूप में काम करने का निर्देश दिया था। फर्जी पासपोर्ट के साथ, वे हेरात, अफगानिस्तान के रास्ते खुरासान जाने वाले थे और आईएसकेपी के आतंकी अभियान में शामिल होने वाले थे।
गिरफ्तारियों और पर्याप्त सबूत इकट्ठा करने के बाद, हिरासत में लिए गए पांच व्यक्तियों और मुंशी के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम, 1967 की संबंधित धाराओं के तहत आरोप दायर किए गए, जो अभी भी फरार है।