गुजरात: 2015 के पाटीदार आरक्षण आंदोलन से संबंधित 10 मामले वापस लिए गए

इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले, गुजरात सरकार ने 2015 के पाटीदार आरक्षण आंदोलन के संबंध में दर्ज 10 मामलों को वापस ले लिया है।

Update: 2022-03-22 07:58 GMT

अहमदाबाद, इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले, गुजरात सरकार ने 2015 के पाटीदार आरक्षण आंदोलन के संबंध में दर्ज 10 मामलों को वापस ले लिया है। एक अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी।

उस समय आंदोलन की अगुवाई करने वाले हार्दिक पटेल समेत कई आंदोलनकारियों के खिलाफ राज्य के विभिन्न हिस्सों में कई मामले दर्ज किए गए थे। हार्दिक पटेल बाद में कांग्रेस में शामिल हो गए थे।लोक अभियोजक सुधीर ब्रह्मभट्ट ने कहा कि मामलों को वापस लेने के लिये विभिन्न अदालतों में आवेदन दिये गये हैं। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने जिलाधिकारियों को इस बाबत निर्देश दिए थे।
अधिकारी ने बताया कि यहां की एक सत्र अदालत ने जहां सात मामलों को वापस लेने की अनुमति दी, वहीं नगर मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट अदालत ने तीन और मामलों को वापस लेने की अनुमति दी है। ब्रह्मभट्ट ने कहा कि हार्दिक पटेल के खिलाफ राजद्रोह के मामले को छोड़कर पाटीदार आरक्षण आंदोलन के संबंध में अहमदाबाद की अदालत में कोई मामला लंबित नहीं है। उन्होंने कहा कि एक मेट्रोपोलिटन अदालत पटेल और अन्य के खिलाफ अहमदाबाद के रामोल थाने में दर्ज आपराधिक मामला वापस लेने के संबंध में 15 अप्रैल को आदेश पारित कर सकती है।
इस बीच, पटेल ने कहा कि आंदोलन से जुड़े सभी मामलों को भाजपा सरकार को वापस लेना चाहिए और पाटीदार युवाओं को राहत दी जानी चाहिए, ऐसा नहीं करने पर कांग्रेस आंदोलन शुरू करेगी। पाटीदार अनामत आंदोलन समिति ने कहा था कि अगर मामले वापस नहीं लिए गए तो आंदोलन फिर से शुरू किया जाएगा। इसने ही 2015 में आंदोलन का नेतृत्व किया था। राज्य में दिसंबर में विधानसभा चुनाव कराए जा सकते हैं।
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