बेटी के कॉलेज की फीस न जमा कर पाने पर पिता ने की आत्महत्या
गुजरात के तापी जिले में अपनी बेटी के कॉलेज की फीस जमा न कर पाने चिंतित एक व्यक्ति ने आत्महत्या कर ली.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क |गुजरात के तापी जिले में अपनी बेटी के कॉलेज की फीस जमा न कर पाने चिंतित एक व्यक्ति ने आत्महत्या कर ली. इस घटना के बाद, राज्य में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) और हालिया विधानसभा चुनाव लड़ने वाली आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) के बीच वाकयुद्ध शुरू हो गया. आप ने राज्य में शिक्षा क्षेत्र की खराब स्थिति को लेकर भाजपा पर लगातार हमला करते हुए यह चुनाव लड़ा था. वालोद पुलिस द्वारा दिन में जारी एक बयान के मुताबिक, बाकुर पटेल (46) ने व्यारा जिले के गोद्घा गांव में कीटनाशक खाकर 15 दिसंबर को आत्महत्या कर ली. पुलिस के बयान में कहा गया है कि पटेल अपनी बेटी का कॉलेज शुल्क भरने को लेकर चिंतित था.
पुलिस उपाधीक्षक सीएम जाडेजा ने संवाददाताओं को बताया कि पटेल मोटर की मरम्मत करने का काम करता था और वह आर्थिक तंगी से जूझ रहा था. हालांकि, उन्होंने कहा कि अभी यह पता नहीं चल पाया है कि उसने अपनी बेटी का कॉलेज शुल्क नहीं भर पाने के चलते ही आत्महत्या की. उन्होंने कहा कि घटना की जांच शुरू कर दी गई है.
इस बीच पटेल की मौत से जुड़ी एक खबर को संलग्न करते हुए दिल्ली के उपमुख्यमंत्री एवं आप नेता मनीष सिसोदिया ने कहा कि यह घटना 21 वीं सदी में होना शर्मनाक है. सिसोदिया ने एक ट्वीट में कहा,''शिक्षा पाने के लिए महंगी फ़ीस देने में नाकाम एक और परिवार में आत्महत्या…अगर भाजपा शासित राज्यों में शिक्षा व्यवस्था का मखौल नहीं बना होता, तो आज न जाने कितने माता-पिता व बच्चे अपनी जान लेने पर बाध्य नहीं होते. 21वी सदी में शिक्षा के लिए इससे शर्मनाक और कुछ नहीं.''
वहीं, स्थानीय भाजपा विधायक व महुवा (अनुसूचित जाति सीट) का प्रतिनिधित्व करने वाले मोहन धोदिया ने कहा, ''मैं उसे अच्छी तरह जानता था और मैंने उसे अपने घर पर मोटर की मरम्मत के लिए कई बार बुलाया था. उसने मुझे कभी नहीं कहा कि वह अपनी बेटी का शुल्क भरने के लिए चिंतित है या वह इस तरह के संकट का सामना कर रहा है.'' भाजपा विधायक ने कहा, ''वह बकाये की अपनी रकम एक साल बाद लिया करता था और वह भी मेरे द्वारा याद दिलाये जाने के बाद. मुझे लगता है कि पुलिस को पूरे मुद्दे की गहराई से जांच करने की जरूरत है.''