सूरत: सूरत से पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. जो लोगों को बीमा क्लेम का झांसा देकर ठगी कर रहे थे. पुलिस ने युवक को दिल्ली और महिला को ग्रेटर नोएडा से गिरफ्तार किया है. इन पर आरोप है कि फर्जी कॉल सेंटर की आड़ में आरोपी लोगों को अपने जाल में फंसाकर प्रोसेस फीस के बहाने ऑनलाइन ठगी को अंजाम दे रहे थे.
सूरत शहर पुलिस आयुक्त अजय कुमार तोमर ने बताया कि न्यू अशोक नगर (दिल्ली) निवासी अरशद रजा खान और ग्रेटर नोएडा की रहने वाली मधु शर्मा मिलकर साइबर ठगी का रैकेट चला रहे थे. उन्होंने दिल्ली में एक कॉल सेंटर खोल रखा था. जो अलग-अलग वेबसाइट से बीमा ग्राहकों को डेटा हासिल करते थे. फिर उन्हें बीमा क्लेम करने के लिए फोन कॉल कर अपने जाल में फंसाते थे. उसके बाद सर्विस चार्ज, प्रोसेसिंग फीस के नाम पर लोगों से अलग-अलग खातों में ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करवाते थे.
इन आरोपियों ने सूरत के डिंडोली थाना क्षेत्र में रहने वाले एक व्यक्ति से बीमा राशि के 16.50 लाख रुपये दिलाने के नाम पर 1 लाख 65 हजार रुपये ऐंठे. पीड़ित ने थाने में इसकी शिकायत दर्ज कराई तो सर्विलांस और गुप्त सूचना के आधार पर आरोपियों को ढूंढ निकाला और गिरफ्तार कर सूरत ले आई.
पुलिस ने आरोपियों से जस्ट डायल वेबसाइट की दो एक्सेल सीट बरामद की है. जिनमें 34,252 बीमा ग्राहकों का डाटा है. अलग-अलग बैंक की 7 पासबुक, 16 चेकबुक, अलग-अलग कंपनी के चार सिमकार्ड, कई बैंक के 15 डेबिट कार्ड, 9 मोबाइल फोन व एक लैपटॉप जब्त किया है.
अरशद खान ने दिल्ली के अरोरा शॉपर्स इन्दरपुरम में मार सर्विसिस के नाम से कॉल सेंटर खोला था. वहीं से वो बीमा धारकों को कॉल करता था और अपनी पहचान अमित कुमार शर्मा के रूप में देकर ग्राहकों को बीमा की फंसी हुई राशि दिलाने का भरोसा दिलाता था. फिर भीम, यूपीआई, फोन पे जैसी ऑनलाइन सुपरविजन करने वाली संस्था एनपीसीआई (नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया) के नाम का फेक लेटर भेजकर रुपये भेजने के लिए कहता था.
मधु शर्मा ने अलग-अलग बैंकों में फर्जी पहचान देकर कई बैंक खाते खुलवा रखे थे. वह अरशद के संपर्क में रहती थी और उसके कहने पर नए खाते खुलवाती रहती थी. इन खातों में जमा होने वाली रुपये तुरंत निकालकर अरशद तक पहुंचाती थी. उनके गिरोह में और भी लोग शामिल हैं, जिनकी तलाश की जा रही है.
पुलिस कमिश्नर अजय कुमार तोमर ने बताया कि इस गिरोह में डिंडोली में 1.65 लाख रुपये की ठगी के अलावा शहर के चौक बाजार थाने में 70 हजार रुपए की ठगी की थी. इसके अलावा मेहसाणा के वसई थाने में भी 50.61 लाख रुपये की ठगी करना कबूल किया. इसके अलावा उन्होंने महाराष्ट्र के पुणे समेत अलग-अलग थानों में भी 1.71 करोड़ रुपये की ठगी करना कबूल किया.
डिंडोली पुलिस की इस सफलता की सराहना करते हुए शहर पुलिस आयुक्त अजय तोमर ने सूरत के डिंडोली थाना प्रभारी एमएल सालुकें के नेतृत्व में मामले की जांच कर आरोपियों को पकड़ने वाली टीम को 15 हजार रुपये के नकद पुरस्कार की घोषणा की है.