5वीं कक्षा ने 7 मिनट में महिषासुर मर्दिनी स्तोत्रम् सुनाया, IBR में स्थान मिला
Gujarat गुजरात: डिजिटल युग में जहां बच्चे मोबाइल गेमिंग में व्यस्त रहते हैं, वहीं गांधीनगर की 10 वर्षीय जशवी मेवाड़ा ने अपनी अद्भुत उपलब्धि से नई मिसाल कायम की है। जशवी ने संस्कृत भाषा में 21 पंक्तियों का महिषासुर मर्दिनी स्तोत्र मात्र 6 मिनट 59 सेकंड में प्रस्तुत कर इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स की ओर से आईबीआर अचीवर्स अवार्ड प्राप्त किया है। पांचवीं कक्षा की छात्रा जशवी ने अपनी मेहनत और लगन से साबित कर दिया है कि दृढ़ संकल्प से कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।
बचपन से ही उसकी संस्कृत में रुचि रही है। जशवी ने न केवल महिषासुर मर्दिनी स्तोत्र बल्कि श्री गणपति संकटनाशन स्तोत्र और हनुमान चालीसा भी कंठस्थ कर लिया है। गांधीनगर का बढ़ाया गौरव यह उपलब्धि विशेष रूप से प्रेरणादायक है क्योंकि आज के समय में ज्यादातर बच्चे मोबाइल और वीडियो गेम की दुनिया में खोए रहते हैं। जशवी ने अपनी संस्कृत साधना से न केवल अपना नाम रोशन किया बल्कि गांधीनगर का गौरव भी बढ़ाया। इस उपलब्धि में उसके माता-पिता और शिक्षकों की भी अहम भूमिका रही। जशवी मेवाड़ा जैसे बच्चे इस बात का सबूत हैं कि सही दिशा और मार्गदर्शन से प्रतिभा को निखारा जा सकता है। उनकी उपलब्धि अन्य बच्चों के लिए प्रेरणा है।