गुजरात के 519 मछुआरे पाकिस्तानी जेलों में कैद, अब तक 358 मछुआरों का अपहरण
गुजरात के 519 मछुआरे पाकिस्तानी जेलों में कैद हैं।
गांधीनगर/अहमदाबाद. गुजरात के 519 मछुआरे पाकिस्तानी जेलों में कैद हैं। हालांकि दो वर्षों में सिर्फ 2- मछुआरों को छुड़ाया जा सका। सोमनाथ के विधायक विमल चुड़ास्मा की ओर से मछुआरों के संबंध में पूछे गए सवाल के जवाब में मत्स्योद्योग राज्यमंत्री ने बताया कि गत वर्ष 31 दिसम्बर की स्थिति के मुताबिक गुजरात के 519 मछुआरे पाकिस्तानी जेलों में बंद हैं।
गत दो वर्षों में गुजरात के 358 मछुआरे पकड़े गए। इनमें से वर्ष 2020 में 163 और गत वर्ष 195 मछुआरों का अपहरण किया गया। वर्ष 2020 में किसी मछुआरे का पाकिस्तानी जेल से नहीं छोड़ा गया वहीं गत वर्ष 20 मछुआरे रिहा किए गए।गुजरात के मछुआरे मछली प$कडऩे के दौरान भूलवश अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा (आईएमबीएल) पार कर पाकिस्तान की ओर चले जाते हैं। इस दौरान पाकिस्तानी मरीन एजेंसी के जवान इन भारतीय मछुआरों का अपहरण कर लेते हैं। साथ ही बोट भी जब्त कर लेते हैं।
18 बार लगाई गई गुहार
इन मछुआरों को छुड़ाने के लिए राज्य सरकार ने वर्ष 2020 में सात बार और वर्ष 2021 में 11 बार पेशकश की। पिछले दो वर्षों में राज्य सरकार की ओर से 18 बार इन मछुआरों को छुड़वाने की पेशकश की गई।
507 परिवार को दी गई मदद
खंभालिया के विधायक विक्रम माडम के पकड़े गए मछुआरों को सहायता के सवाल पर मत्स्योद्योग मंत्री ने बताया कि पाकिस्तान की ओर से पकड़े गए गुजराती मछुआरों के परिवार को गुजारे के लिए राज्य सरकार की ओर से हररोज 300 रुपए की मदद दी जाती है। वर्ष 2019 में यह राशि 150 रुपए थी। 2020 में 184 मछुआरे परिवारों को 2.30 करोड़ से ज्यादा की राशि दी गई वहीं गत वर्ष 323 मछुआरों के परिवारों को 4.28 करोड़ की सहायता प्रदान की गई।