देश में पहली बार समावेश महोत्सव 'Purple Fest: Celebrating Diversity' की शुरुआत हुई है। इस तीन दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन गोवा में 6 से 8 जनवरी तक होगा। यह महोत्सव दिव्यांगो को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने का प्रयास करेगा। इस फेस्ट में ऑल इंडिया ओपन पैरा टेबल टेनिस चैंपियनशिप, यूनिफाइड बीच क्रिकेट, ब्लाइंड क्रिकेट और पर्पल आई-रन मैराथन जैसी प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा। केंद्रीय मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार ने कहा कि पर्पल फेस्ट दिव्यांगजन सशक्तिकरण की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा और दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण के एजेंडे को आगे बढ़ाने की दिशा में लंबा रास्ता तय करेगा। उन्होंने आगे कहा कि यह फेस्ट दिव्यांगजनों में आत्मविश्वास को बढ़ावा देने के साथ-साथ समाज को उनकी आवश्यकताओं और समस्याओं के प्रति संवेदनशील बनाने के लिए भी आवश्यक है। आइए जानते है पर्पल फेस्टिवल के बारें में ……
पर्पल फेस्टिवल क्या है ?
गोवा का पर्पल फेस्टिवल दिव्यांगजन सशक्तिकरण की दिशा में पहला समावेश महोत्सव है। इस फेस्ट के जरिए दिव्यांगजनो के भीतर आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता पैदा करने की कोशिश की जाएगी। ऐसे में यह महोत्सव सभी दिव्यांगों को समाज में पूर्ण रूप से सम्मिलित करने की दिशा में महत्वपूर्ण पहल है। इस फेस्टिवल का आयोजन राज्य आयोग, समाज कल्याण और मनोरंजन सोसायटी के सहयोग से पहली बार गोवा में आयोजित किया जा रहा है। और इसमें भारत के मुख्य न्यायाधीश डॉ. डी.वाई. चंद्रचूड़ मुख्य वक्ता होंगे।
पर्पल थीम क्यों ?
आयोजकों के मुताबिक पर्पल रंग चुनने का कारण यह है कि पर्पल यानी बैंगनी रंग दिव्यांगता से जुड़ा हुआ है। इस रंग का उपयोग दिव्यांग लोगों की शक्ति का उल्लेख करने वाले प्रचारकों, डोनेशन और फंड रेजिंग करने के लिए संस्थानों और सरकारों द्वारा भी उपयोग किया जाता रहा है।
कई प्रतियोगिता का आयोजन
इस फेस्ट में खेल से लेकर रोजगार परक गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा। इस फेस्ट को विभिन्न कैटेगरी में बांटा गया है जिसमें पर्पल थिंक टैंक, पर्पल फन, पर्पल एक्सपीरिएंस जॉन, पर्पल एक्सिबिशन समेत पर्पल रेन शामिल है। जिसमें रोमांचक लाइव प्रदर्शन, खेल आयोजन, भव्य प्रदर्शनियां, इमर्सिव एक्सपीरियंस जोन, सुलभ मूवी स्क्रीनिंग, और समावेशी शिक्षा, पर्यटन, रोजगार और स्वतंत्र जीवन जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा आयोजित की जाएगी
इससे पहले भी कई कार्यक्रम आयोजित
दिव्यांगजनो को सशक्त बनाने के लिए केंद्र सरकार राज्य सरकार के साथ मिलकर पर्पल फेस्ट की तर्ज पर पहले भी कई तरह के कार्यक्रमों का आयोजन कर चुकी है। जिनका उद्देश्य मूल रूप से दिव्यांगो को सशक्त बनाना रहा है। आज विश्व में हर आठवां व्यक्ति किसी न किसी तरह की दिव्यांगता में है। भारत की दो प्रतिशत से अधिक की आबादी दिव्यांग है। केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता दिव्यांगजनों को अच्छी शिक्षा, सुरूक्षित माहौल और रोजगार के समान अवसर उपलब्ध कराने की है। पर्पल फेस्ट की तरह ही भारत में कई कार्यक्रम आयोजित हुए हैं जिनमें……
दिव्य कला शक्ति: यह मेला दिव्यांगता में क्षमता; कला व संस्कृति के क्षेत्र में दिव्यांगजनों की स्वाभाविक प्रतिभा को सामने लाने का अभिनव मंच है।
सांकेतिक भाषा: दिवस देशभर में 3200 स्थानों पर मनाया गया। आज लगभग हर जिले में सांकेतिक भाषा के जानकार है।
टी-20 ब्लाइंड क्रिकेट वर्ल्ड कप: भारत की दृष्टिबाधित क्रिकेट टीम ने टी-20 क्रिकेट विश्व कप के फाइनल में बांग्लादेश को 120 रनों से हराकर इतिहास रचा और भारत तीसरी बार दृष्टिबाधित क्रिकेट टी-20 विश्व कप का विजेता बना।
केंद्र सरकार के प्रयास
केंद्र सरकार हमेशा से दिव्यांगजनो के लिए एक ऐसे समावेशी समाज बनाने की कोशिशों में जुटी हुई है जहां दिव्यांगजन रचनात्मक, सुरक्षित और सम्मान के साथ जीवन जी सकें, जहां उन्हें विकास और उन्नति के लिए उचित सहायता प्राप्त हो। केंद्र सरकार का लक्ष्य शैक्षिक, आर्थिक और सामाजिक विकास और जरूरत होने पर पुनर्वास कार्यक्रमों के जरिये दिव्यांगजनों को समर्थ बनाना।
दिव्यांगों की सामाजिक समानता और सम्मान सुनिश्चित करने के लिए जारुकता, प्रचार- प्रसार द्वारा सामाजिक सोच में सकारात्मक परिवर्तन आवश्यक है। केंद्र सरकार ने कई पहल और कार्यक्रम आयोजित किए हैं जिससे दिव्यांग व्यक्तियों को कई अवसर पैदा हुए हैं और वह आगे बढ़ने में सक्षम हो पाएं हैं। जिसमें सुगम्य भारत अभियान महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इस अभियान का उद्देश्य दिव्यांगजनों के लिये एक सक्षम और बाधारहित वातावरण सुनिश्चित करना है। अभियान का उद्देश्य विकलांग व्यक्तियों को जीवन के सभी क्षेत्रों में भागीदारी करने के लिए समान अवसर एवं आत्मनिर्भर जीवन प्रदान करना है।
सोर्स -PBNS