नितिन गडकरी का दावा: 'गोवा में पुल पर बन रही गैलरी एफिल टावर से ज्यादा पर्यटकों को करेगी आकर्षित'

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार को कहा कि गोवा में जुआरी नदी पर बन रहे पुल पर प्रस्तावित गैलरी फ्रांस में पेरिस के प्रसिद्ध एफिल टॉवर से अधिक पर्यटकों को आकर्षण करेगी।

Update: 2021-11-01 13:55 GMT

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार को कहा कि गोवा में जुआरी नदी पर बन रहे पुल पर प्रस्तावित गैलरी फ्रांस में पेरिस के प्रसिद्ध एफिल टॉवर से अधिक पर्यटकों को आकर्षण करेगी। गडकरी ने कहा कि पणजी-मडगांव राजमार्ग पर मौजूदा पुल के साथ ही इस पुल के अगले साल सितंबर तक पूरा होने की उम्मीद है। लेकिन इससे पहले कम से कम एक लेन खोलने का प्रयास किया जा रहा है।

एफिल टॉवर से की तुलना
उन्होंने कहा कि जुआरी ब्रिज पर काम चल रहा है। हमने इस पुल के हिस्से के रूप में दो टावरों का निर्माण करके एक गैलरी की योजना बनाई है। एफिल टावर की तुलना में यह एक बेहतर पर्यटक आकर्षण का केंद्र होगा। गडकरी ने कहा कि इसमें एक रेस्तरां और आर्ट गैलरी के अलावा छोटे विक्रेताओं के लिए कला और शिल्प बेचने का एक विशेष स्थान होगा।
दक्षिण गोवा में लुटोलिम और वरना स्थित एक औद्योगिक एस्टेट के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग के लिंक का उद्घाटन के दौरान समारोह को संबोधित करते हुए गडकरी ने कहा कि पुल के नीचे पार्किंग की जगह होगी, और लोग नावों में भी पहुंच सकते हैं।
तीर्थयात्री जल्द ही कार से कैलाश-मानसरोवर की यात्रा कर सकेंगे
वहीं, केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने कहा कि तीर्थयात्री जल्द ही कार से कैलाश-मानसरोवर की यात्रा कर सकेंगे क्योंकि घाटियाबागर से लिपुलेख तक सीमा सड़क को पक्की सड़क बनाने के लिए केंद्र द्वारा 60 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं। रविवार को पिथौरागढ़ जिले के ऊंचाई वाले गुंजी गांव में एक धार्मिक उत्सव के समापन समारोह में भट्ट ने कहा कि पक्की सड़क न केवल रक्षा कर्मियों को सीमा चौकियों तक पहुंचने में मदद करेगी बल्कि पर्यटकों को इस खास जगह तक पहुंचने में भी मदद करेगी।
गुंजी पिथौरागढ़ में धारचूला अनुमंडल के व्यास घाटी में 10,000 फीट की ऊंचाई पर कैलाश-मानसरोवर के रास्ते में स्थित एक सीमावर्ती गांव है। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में यह क्षेत्र सबसे पसंदीदा सीमा पर्यटन स्थल के रूप में उभरेगा। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत-चीन सीमा पर सड़क नेटवर्क से स्थानीय लोगों को उनके गांवों में रहने और अन्य पर्यटन संबंधी व्यवसाय चलाने में मदद मिलेगी। मंत्री ने कठिन इलाकों में सड़क नेटवर्क बिछाने के लिए सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) की भी प्रशंसा की।
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